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एनजीटी हरित लवाद द्वारा उल्हासनगर महानगर पालिका प्रशासन को 3 करोड रुपयों का जुर्माना|
उल्हासनगर:- नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर-5 के अवैध और अवैज्ञानिक तरीक़े से बने डम्पिंग ग्राउंड के मामले में हरित लवाद ने उल्हासनगर महानगर पालिका प्रशासन को 3 करोड रुपयों का जुर्माना लगाया है,राष्ट्रीय हरित लवाद एनजीटी ने उल्हासनगर महापालिका को शुरू से ही ठोस कचरा प्रबंधन की समग्र व्यवस्था नहीं किये जानेपर कई बार इसके पहले भी समझाया गया है, परंतु उमनपा प्रशासन द्वारा कोई ठोस उपाययोजना न होते देख अंततः पिछले सप्ताह हुयी सुनवाई में महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति के बिना उल्हासनगर 5 क्षेत्र में शुरू किए गए अवैध और अवैज्ञानिक तरीक़े से बने डम्पिंग ग्राउंड के खिलाफ राष्ट्रीय हरित अधिकरण में चल रही सुनवाई के दौरान लवादा ने उल्हासनगर महानगर पालिका पर 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है|
उल्हासनगर महानगर पालिका ने कैंप-1 क्षेत्र में डम्पिंग ग्राउंड की क्षमता समाप्त होने के बाद 2016 से कैंप-5 के गायकवाड़ पाड़ा में कचरा डंप करना शुरू कर दिया. इससे आसपास के क्षेत्रवासियों को दुर्गंध व कूड़ा जलाने से निकलने वाले धुएं से परेशानी होनी लगी. इसके खिलाफ स्थानीय समाजसेवी राजकुमार कुकरेजा और राजेश चांगलानी ने उल्हासनगर मनपा के प्रबंधन के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया। इसमें महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहरी विकास विभाग और कलेक्टर को भी प्रतिवादी बनाया गया था।
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि मनपा प्रशासन ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति प्राप्त किए बिना कचरा अपशिष्ट प्रबंधन नियमों का उल्लंघन किया था। उसके बाद महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने डम्पिंग ग्राउंड का निरीक्षण किया. मनपा के 360 मीट्रिक टन कचरे में से केवल 6 मीट्रिक टन कचरे को संसाधित होते देखा गया। बोर्ड ने महानगर पालिका को कुछ सुझाव दिए थे। मनपा प्रशासन ने भी इसका पालन नहीं किया। इसलिए हरित लवाद ने आखिरकार मनपा प्रशासन पर 3 करोड़ का जुर्माना लगाया है। मनपा को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नवंबर 2020 तक 80 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है. नगर पालिका को 10 लाख रुपये प्रतिमाह जुर्माना देना होगा। इसलिए महानगर पालिका को 3 करोड़ रुपये जुर्माना भरना होगा|
महानगर पालिका ने डंपिंग की समस्या को सुलझाने का प्रयास किया है. अंबरनाथ ग्रामीण क्षेत्र के उसाटने गांव में जो स्थल उपलब्ध कराया गया है, वहां घनकचरा व्यवस्थापन प्रकल्प निर्मिती कार्य प्रस्तावित है।
आगे हरित लवाद द्वारा यह भी निर्देशित है कि उल्हासनगर महानगर पालिका का जुर्माना माफ नहीं किया जाएगा। जुर्माने की राशि अलग खाते में जमा कर ठोस कचरा प्रबंधन के लिए इस्तेमाल की जाएगी।