४ नवम्बर को है कार्तिकी एकादशी इस महिलाओं और बच्चों द्वारा शमशान में जाकर शवदाहिनी का पूजन।
उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा
४ नवम्बर को तुलसी विवाह के साथ कार्तिकी एकादशी की धूम मची रहेगी,बड़ी, देव उठनी, प्रबोधिनी, कार्तिकी एकादशी भी कहा जाता है, उस दिन तुलसी विवाह होता है इसके साथ ही हमारे हिन्दू संस्कृति में मांगलिक कार्यों की शुरुआत भी होती है,एकादशी व्रतधारी शहाड स्थित विट्ठल रुक्मिणी बिरला मन्दिर, अयप्पा स्वामी मंदिर तथा अन्य मंदिरों आश्रमों में भक्तिरस में डूबे रहते है,उस दिन शमशान पूजा का भी विशेष महत्व होता है, अन्य किसी और दिन महिलाओं और बच्चों को श्मशान में जाना मना होता है परंतु विशेषकर कार्तिकी एकादशी के दिन उल्हासनगर में माता, बहने बच्चे सभी लोग शमशान में जाकर शवदाहिनी का पूजन करते है, उल्हासनगर के शांतिप्रकाश आश्रम से स्वामी देवप्रकाश जी तथा वसण शाह दरबार के गादीसर महाराज जी की उपस्थिति में शमशान पूजन में शहर के गणमान्य व्यक्तियों और शहर वासी महिला बच्चों द्वारा बड़ी संख्या में हिस्सा लिया जाता है,देर शाम शहर वासियों द्वारा अपने आँगन में रंगोली फूलमालाएं सजाकर तुलसी विवाह का आयोजन कर मांगलिक कार्यों की शुरुआत की जाती है।