रीजेंसी एंटीलिया पर बन रहे अनधिकृत घाट के नाम के अस्तित्व की लड़ाई शुरू,मिथिला घाट या म्हसोबा घाट या झुलेलाल घाट या एंटीलिया घाट या उल्हास नदी घाट।
उल्हासनगर:नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर महानगर पालिका द्वारा उल्हास नदी के किनारे म्हारलगांव स्थित रिजेंसी एंटीलिया इमारत संकुल में श्री विसर्जन घाट उल्हासनगर विधानसभा क्षेत्र विधायक कुमार आइलानी जी के फंड में से सुशोभित करने हेतु कल भूमिपूजन समारोह आयोजित किया गया था।बिहारी समाज द्वारा वहां छठपुजा होती है इसलिये गुगल मैप पर मिथिला घाट नाम पहले ही डाल दिया गया, और स्थानीय म्हारलगांव रहिवासीयों द्वारा म्हसोबा घाट गुगल मैप पर दुरुस्त करके डाल दिया गया, स्थानीय नेताओं में चर्चा शुरू है कि झुलेलाल घाट नाम रखें, घाट बनने से पहले ही अस्तित्व की लड़ाई शुरू हो गयी,अब ये विसर्जन घाट क्या विसर्जन करने के लिये बन रहा है इसकी कोई अधिकृत जानकारी नहीं मिल पाई, वहां अगर गणेश मूर्तियां विसर्जन होगी तो नदी का प्रदूषण बढ़ेगा, पहले ही उल्हास नदी प्रदूषित होनेके कारण जलपर्णी बढ़ती जा रही है, उक्त विसर्जन घाट के करीब ही ६ स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के ५० लाख नागरिकों को पीने का पानी लेनेके लिये पम्पिंग स्टेशन बने हुये है, छोटी बड़ी मूर्तीयों के विसर्जन से प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा और उक्त प्रदूषण पिने के पानी मे जानेसे ५० लाख लोगों की सेहत से खिलवाड़ है।साथ ही यह घाट उल्हासनगर महानगर पालिका द्वारा विधायक फंड से बनाया जा रहा है, ऐसे में प्रश्न और भी गम्भीर हो जाता है कि इरिगेशन डिपार्टमेंट से बग़ैर परमिशन लिये घाट बनेगा कैसे..?? और इरिगेशन डिपार्टमेंट ने परमिशन दी भी कैसे..?? ये चर्चा भी होनी आवश्यक है।उल्हासनगर महानगर पालिका द्वारा शिलालेख स्थापित किया गया उसपर उल्हास नदी का कोई ज़िक्र ना होने की वजह से उल्हास नदी बचाओ कृति समिती कार्यकर्ताओं द्वारा भी रोष व्यक्त किया गया है।
कृपया उल्हासनगर महानगर पालिका प्रशासन, इरिगेशन डिपार्टमेंट, म्हारलगांव ग्रामपंचायत समिती, विधायक महोदय और एंटीलिया प्रबंधन इन सवालों के जवाब दें।