वरिष्ठ समाजसेवी राज असरोंडकर द्वारा 22 मई से अनशन।
उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर महानगर पालिका में वित्तीय भ्रष्टाचार से लेकर कामगारों के शोषण तक हर मुद्दे को लेकर कायद्याने वागा लोक चळवळ के प्रमुख राज असरोंडकर को उल्हासनगर महानगर पालिका आयुक्त अजीज शेख ने १४ मार्च से १६ मार्च के बीच आयोजित अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के दौरान मांगों को पूरा करने का लिखित आश्वासन दिया था। कामगारों को निर्धारित अवधि में वाजिब वेतन, अब तक के प्रलम्बित वेतन में अंतर की राशि, दो माह के भीतर ठेकेदारों को काली सूची में डालने की कार्रवाई की जानी थी. लेकिन प्रशासन हमेशा की तरह अपने वादों से मुकर गया, २२ मई से दूसरी बार अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है, गर्मी, धूप व लू से बचाव के लिए लोगों से एहतियाती कदम उठाने की अपील करते हुए उल्हासनगर मनपा चिलचिलाती धूप में होनेवाले अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को लेकर बेपरवाह है.उम्र के इस पड़ाव में, चिलचिलाती धूप में वरिष्ठ समाजसेवी राज असरोंडकर द्वारा किया जा रहा अनशन का फैसला उनकी जान पर भी बन आ सकता है,आयुक्त महोदय और प्रशासन से निवेदन है कि, उनके ही द्वारा २ महीने पहले किये गये वादे को निभाकर कामगारों को न्याय दें ताकि राज असरोंडकर जैसे समाजसेवी को मनपा प्रशासन के वादे याद दिलाकर अनशन करने की नौबत ना आये।