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समीक्षा बैठक,भाषण,भड़काऊ भाषण,पक्ष,गुटबाजी,विरोध,आरोप,प्रतिआरोप,जूता मारो आंदोलन, एफआईआर,मोर्चे इस डर्टी पॉलिटिक्स से परेशान उल्हासनगर वासी।

 

उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा



एनसीपी उल्हासनगर शहर जिला की ओर से उल्हासनगर ४के स्मैश टर्फ, प्रभात गार्डन में प्रमुख पदाधिकारियों के लिए समीक्षा बैठक व सार्वजनिक पक्ष प्रवेश कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस बैठक में एनसीपी के नेता डॉ. जितेंद्र आव्हाड द्वारा सुप्रीम कोर्ट का फैसला जनता के सामने मार्गदर्शित किया, आगामी लोकसभा, विधानसभा एवं मनपा चुनाव के संबंध में मार्गदर्शन दिया जिसमें उल्हासनगर शहर के भारत गंगोत्री के गुट का एक भी कार्यकर्ता और कालानी परिवार के करीबी UTA के अध्यक्ष सुमित चक्रवाती उपस्तिथ नही थे। इस बैठक मैं जितेंद्र आव्हाड के भाषण मैं सिंधी समाज को अपमानित किया और सिंधी समाज को जंगली कुत्तों के साथ जितेंद्र आव्हाड ने जोड लिया जिसके बाद जिसके बाद विरोध,आरोप—प्रति आरोप,जूता मारो आंदोलन,निषेद एफआईआर और मोर्चे उल्हासनगर शहर मैं डर्टी पॉलिटिक्स शुरू हो गई।



क्यों और कब शुरू हुई गुट बाजी?


जिस वक्त कालानी परिवार भाजपा मैं चले गए और उल्हासनगर के राजनीति के चाणक्य पप्पू कालानी भी सलाखों के पीछे थे उस मुश्किल वक्त मैं एनसीपी उल्हासनगर शहर जिला की कमान सोनिया धामी और भारत गंगोत्री ने संभाली थी और अपने दम पर ४ नगरसेवक भी चुनके लाए थे और उल्हासनगर एनसीपी को शहर मैं अपने समाज और राजनैतिक कार्य करके काफी मजबूत किया था परंतु उल्हासनगर के राजनीति के चाणक्य पप्पू कालानी बाहर आते ही सोनिया धामी और भारत गंगोत्री को बाजू मैं करके फिर एनसीपी उल्हासगर शहर की कमान कालानी के हाथों मैं दे दी जिसके बाद उल्हासनगर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शुरू हो गई और इसका खामयाजा आज तक उल्हासनगर वासी भुगत रहे है।

आरोप और प्रति आरोप?

जितेंद्र आव्हाड द्वारा सिंधी समाज के अपमान के बाद मानो उल्हासनगर शहर की राजनीति मैं भूकंप आ गया। एक साथ व्यवसाय करने वाले राजनेता जितेंद्र आव्हाड द्वारा सिंधी समाज के अपमान के बाद राजनीति के दुश्मन बन गए और अपनी अपनी राजनीति चमकाने के फायदे ढूंढने लगे जिसके बाद उल्हासनगर शहर मैं आरोप और प्रति आरोप के चलते आज ऐसा लग रहा है जैसे उल्हासनगर शहर का विकास राजनीति के विषय से घूम होगया हो।





जूता मारो आंदोलन।

जितेंद्र आव्हाड द्वारा सिंधी समाज के अपमान के बाद उल्हासनगर शिवसेना द्वारा भी उल्हासनगर ३ के शिवाजी चौक पर जितेंद्र आव्हाड के फोटो को जूते मारे गए और जितेंद्र आव्हाड के ऊपर कड़क करवाई की मांग की।





निषेद।

महाराष्ट्र के कोने कोने से अलग अलग व्यापारी संगठन और एनजीओ द्वारा जितेंद्र आव्हाड द्वारा सिंधी समाज के अपमान का अपनी अपनी दुकानें बंद रखकर और एनजीओ द्वारा पुलिस स्टेशन मैं शिकायत कर निषेद व्यक्त किया गया।








एफआईआर।


एनसीपी उल्हासनगर शहर जिला की ओर से उल्हासनगर ५के स्मैश  टर्फ, प्रभात गार्डन में प्रमुख पदाधिकारियों के लिए २७ मई २०२३ को समीक्षा बैठक व सार्वजनिक पक्ष प्रवेश कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस बैठक में एनसीपी के नेता डॉ. जितेंद्र आव्हाड द्वारा अपने भाषण में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुये ” एक शेर को मारने के लिये १०० सिंधी कुत्ते भी कुछ नहीं कर सकते ” इस तरह का वक्तव्य करके सिंधी समाज की भावनाओ को दुखाया है और धार्मिक श्रद्धा का अपमान किया है, ऐसी शिकायत उल्हासनगर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जमनादास पुरस्वानी द्वारा उल्हासनगर 5 के हिललाइन पुलिस स्टेशन में दर्ज कराने पर जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ भारतीय दंड संहिता १८६० के तहत 153 – A, 153 – B, 295 – A और 298 के तहत मामला दर्ज किया गया है।






आखिर उल्हासनगर भाजपा द्वारा मोर्चा।


आव्हाड द्वारा अपने भाषण में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुये ” एक शेर को मारने के लिये १०० सिंधी कुत्ते भी कुछ नहीं कर सकते ” इस तरह का वक्तव्य करके सिंधी समाज की भावनाओ को दुखाया है और धार्मिक श्रद्धा का अपमान के चलते उल्हासनगर शहर भाजपा द्वारा निषेद मोर्चा उल्हासनगर २ के नेहरू चौक पर एफआईआर के बाद किया।


इन सब बातों से उल्हासनगर का हर एक शहर वासी और मतदाता इस डर्टी पॉलिटिक्स के परेशान हो चुका है और आने वाले दिनों मैं चुनाव मैं इसका असर भी पड़ेगा।



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