चालिया साहेब मन्दिर में कल से पवित्र चालिया व्रत की शुरुआत।
उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा
सिंधी समुदाय का चालीस दिवसीय अखंड ज्योती महोत्सव चालिया पर्व पूज चालिया मंदिर उल्हासनगर कैम्प नम्बर ५ में १३ जुलाई से ४० दिन के व्रत उपवास से आरम्भ होगा, सिंधी समाज चालीस दिनों तक व्रत-उपवास रखकर पूजा-अर्चना के साथ सुबह-शाम झूलेलाल कथा का श्रवण भी करेंगे, इस महोत्सव में झूलेलाल मंदिरों को विशेष रूप से सुसज्जित किया जाता है, तथा मंदिरों में कथा, आरती, भजन-कीर्तनों के साथ धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन रहता है, दीप प्रज्वलन होते है।
इन व्रतों के दिनों में महिलाएं प्रतिदिन चार या पांच मुखी आटे का दीपक अपने घरों से लेकर भगवान की पूजा करती है, साथ ही मनोकामनाएं मांगने वाली महिलाएं अपने घर से चावल, इलायची, मिस्त्री व लौंग लाकर झूलेलाल भगवान की आराधना करती है, जीवन को सुखी बनाने एवं लोक कल्याण के लिए यह व्रत महोत्सव मनाया जाता है।
भगवान झूलेलाल के इस पर्व में जल की आराधना की जाती है, यह सिंधी समुदाय का सबसे बडा़ पर्व माना जाता है, ऐसा माना जाता है कि इन दिनों भगवान झूलेलाल वरूणदेव का अवतरण करके अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं, जो भी लोग चालीस दिन तक विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते है, उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं, सिंधी समुदाय का सबसे बडा़ धार्मिक आयोजन भगवान झूलेलाल चालिया महोत्सव ही माना जाता है,७५ सालों से प्रज्वलित अखण्ड ज्योत को साक्षी मानते हुए परंपरा के साथ इस वर्ष भी ४० दिन व्रत होगा जिसका समापन २२ अगस्त को मटकी मेला और २३ अगस्त को पल्लव साहिब के साथ होगा।चालिया साहेब मन्दिर में १३ जुलाई की सुबह से पवित्र चालिया व्रत की शुरुआत ७५ सालों से अखंड प्रज्वलित पीरघोट से लाई परम्परागत ज्योती का पूजन करके की जाती है।
वहीं झुलेलाल मंदिर उल्हासनगर कैम्प नम्बर १ का चालिया व्रत प्रतिवर्ष की तरह १६ जुलाई को शुरू होगा।