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उल्हासनगर के आरटीआई कार्यकर्ता को झुठे मामले में फंसाने की बात करते हुये पुलिस प्रशासन को मा. उच्च न्यायालय द्वारा फ़टकार।

 

उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा


उल्हासनगर के आरटीआई कार्यकर्ता को झुठे मामले में फंसाने की बात करते हुये पुलिस प्रशासन को मा. उच्च न्यायालय द्वारा फ़टकार लगाई गई है, संवेदनशील रहकर कर्तव्य पालन करें, बेफिक्र होकर काम ना करें, न्यायालय के आदेश के बाद भी बेफिक्री से काम करेंगे तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ऐसा कथन न्यायमूर्ति नितिन साम्बरे और न्यायमूर्ति आर. एन लड्डा के खंडपीठ द्वारा फटकार लगाते हुए किया गया है।


गौरतलब हो कि, उल्हासनगर के एक व्यापारी और आरटीआई कार्यकर्ता मोती उर्फ सोनू दुसेजा की दुकान से २०२२ जनवरी माह में सेंट्रल पुलिस स्टेशन द्वारा शस्त्र कायदा 3३,२५ के तहत देसी कट्टा, ज़िंदा कारतुस बरामद किया ऐसा आरोप लगाते हुये कोर्ट में पेश किया गया था,पुलिस प्रशासन के फैसले के विरुद्ध मोती दुसेजा द्वारा एडवोकेट महेश पुरवन्त के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की,बतौर मोती दुसेजा, २०१० से एसडीओ ऑफिस उल्हासनगर, सिटी सर्वे ऑफिस के साथ-साथ कई डिपार्टमेंट से करोड़ों रुपए के जमीन घोटले का खुलासा कर कई बड़े भूमाफिया और बिल्डर्स के ऊपर एफआईआर दर्ज करवाया था, यही नहीं, उल्हासनगर के तत्कालीन एसडीओ जगतसिंह गिरासे द्वारा निकाली गई कई फर्जी सीडी जो आज ऊपर के आदेश पर इंक्वाइरी चालू रखने तक स्टे दिया गया है, उसमें भी दुसेजा का ही अहम रोल है, भला मैं एक व्यापारी कैसे अपने दुकान पर एक देसी कट्टा वो भी ५००० रुपए का रख सकता है? यह सोचने का विषय है, मोती दुसेजा कई साल से कुछ भूमाफियाओं के काले करनामों को उजागर करते आए हैं, पूर्व एसडीओ के ऊपर भी कार्रवाई के लिए मंत्रियों और कोर्ट में शिकायत कर चुके हैं, जिनका जल्द फैसला आने वाला है, सब उस फैसले के घबराए हुए हैं, तभी झूठे केस में फंसाया गया, आजभी उल्हासनगर में कुछ भूमाफिया हैं, जो कई दर्जनों फर्जी सीडी कभी सरकारी प्लॉट पर तो कभी गार्डन पुनर्स्थापन प्लॉट पर, कभी पोस्ट ऑफिस के प्लॉट पर ता कभी मरे हुए आदमी के नाम से, कभी १३ साल के बच्चों के नाम पर बड़ी-बड़ी टावर्स बनाने में लगे हुए हैं, इनको बड़े बड़े भुमाफियाओं के साथ-साथ बड़े-बड़े अधिकारी भी साथ दे रहे हैं और बात जब लाखों-करोड़ों की हो तो एक छोटे व्यापारी के ऊपर ऐसा मामला दर्ज होना आम बात है, मुझे षडयंत्र के तहत झुठे मामले में फंसाया गया, मैं पोलिसमित्र हु, मगर भूमाफियाओं ने ऐसा षडयंत्र रचा कि पुलिस और मुझे आमनेसामने कर दिया और उसमें भूमाफिया कामयाब भी हो गए, ऐसा दुःखद वक्तव्य मोती दुसेजा द्वारा किया गया, आगे मोती दुसेजा ने बताया कि, पिछली सुनवाई के तहत ठाणे पोलिस आयुक्त के नियंत्रण में जांच करके प्रतिज्ञापत्र दाखल करने को कहा गया था, परंतु ठाणे पोलिस आयुक्तालय द्वारा मामले की जांच राज्य सीआईडी विभाग को सौंपी जाने की शिफारस की थी, उक्त भुमिका पर नाराज़गी जताते हुए मा उच्चन्यायालय द्वारा पोलिस उपायुक्त परिमंडल ४ को तलब किया गया, उस अनुसार शुक्रवार को पोलिस उपायुक्त परिमंडल ४ सुधाकर पाठारे जी ने उच्चन्यायालय में समाधानपुर्वक प्रतिज्ञापत्र प्रस्तुत ना किये जाने के कारण खेद व्यक्त किया,

आगामी ७ सितंबर को मा उच्चन्यायालय में उक्त मामले की तारीख है, असल मुजरिम चाहे वो कोई व्यक्ति हो या अधिकारी उसे न्यायालय के समक्ष आदेशानुसार प्रस्तुत किया जाएगा तब मुझे न्याय मिलेगा ऐसी आशा मोती दुसेजा द्वारा व्यक्त की गई है।





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- नीतू विश्वकर्मा

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