डॉ एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित इशरत जहां अमीर अली खान।
उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
पंख ही काफी नहीं है आसमानों के लिए,
हौसला भी चाहिए ऊँची उड़ानों के लिए.
‘हौसलें बुलंद हो तो हर कठिन परिस्थिति प्रेरणा बन सकती है। ‘- इसका प्रत्यय उल्हासनगर की बेटी टिटवाला में रहने वाली इशरत जहां अमीर अली खान ने अपनी कामयाबी से साबित किया। प्रतिकूल परिस्थितियों में भी परिवार और समाज के प्रति अपना उत्तरदायित्व निभाकर इशरत ने जो कार्य किया वह सराहनीय है। उनके सराहनीय कार्य लिए ‘कल्कि गौरव सम्मान २०२३‘ कल्कि फाउंडेशन की ओर से तथा शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय सहयोगपूर्ण कार्य के लिए ‘राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार’ से सोशली पॉइंट फाउंडेशन की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया है। इसे अलावा मेस्टा की ओर से एक्सीलेंस टीचर से भी सम्मानित किया गया। इन उपलब्धियों के साथ फिर से एक बार कामयाबी हासिल की उन्हे ग्लोबल मैनेजमेंट काउंसिल द्वारा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उल्हासनगर में रहने वाली इशरत बदलापुर सेंट अन्थोनी कान्वेंट हाईयर सेकेंडरी स्कुल में अंग्रेजी विषय की अध्यापिका के रूप में कार्यरत है। साथ ही एक सफल साहित्यकार भी है। कार्यालयीन जिम्मेदारी के साथ समाज के लिए बहुमूल्य योगदान देने वाली इशरत खान के हुनर पर आज परिवार के साथ समाज को भी नाज है। इशरत ने लगभग ३०० अवार्ड्स और १००० सर्टिफिकेट अब तक हासिल किये है इसलिए ये सच ही है की हौसले बुलंद हो तो दुनिया की कोई भी ताकत तुम्हे जीतने से नही रोक सकती। ये बखूबी इशरत जहाँ अमीर अली खान ने साबित किया है।