उल्हासनगर वासियों को शुद्ध जल देने हेतु एमआईडीसी द्वारा पंपिंग स्टेशन पर मेकेनिकल जाली।
उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा
ठाणे ज़िला की जीवनदायिनी उल्हास नदी राजमाची पहाड़ियों से उगम होकर कर्जत, बदलापुर से कल्याण होते हुए बह रही है,कल्याण में आने के बाद उल्हासनगर वासियों की १० लाख आबादी को एमआईडीसी द्वारा उल्हासनगर मनपा की तरफसे वाटर पम्पिंग करके मोहना बंधारा के निकट से पानी लिया जाता है, उल्हास नदी भी अब जलपर्णी के कारण भीषण प्रदूषण का शिकार बनती जा रही है, आगामी काल उल्हास नदी भी वालधुनी नदी की तरह मृत हो जाये तो इसमें आश्चर्यजनक कुछ ना होगा,मोहना बंधारा के पास काफी कचरा, निर्माल्य व पूजन सामग्री जमा होने से पानी बड़े पैमाने पर प्रदूषित होता है, हररोज़ हाथों से मैन्युअली जलपर्णी व जमा निर्माल्य कचरा निकालना एमआईडीसी प्रशासन के लिये तकलीफदेह है।
उल्हासनगर वासियों को शुद्ध जल देने हेतु एमआईडीसी द्वारा सेंचुरी रेयॉन पंपिंग स्टेशन पर अब २ से ३ करोड़ की लागत से मेकेनिकल जाली बिठाई जा रही है।