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उल्हासनगर नियमितीकरण कानुन को लेकर जो भी अड़चने आ रही है उन्हें दूर करने हेतु विधायकों द्वारा लक्षवेधी ली जाए।

 

उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा 

महाराष्ट्र सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले आखरी अधिवेशन 27 जून से शुरू हुआ। उल्हासनगर नियमितीकरण कानुन को लेकर जो भी अड़चने आ रही है उन्हें दूर करने हेतु चर्चा करके लागु करने के लिये सभी विधायकों द्वारा लक्षवेधी लेनी चाहिये।ज्ञात हो कि, उल्हासनगर शहर के अनधिकृत निर्माण, 855 निर्माण, और धोकादायक इमारतों के नियमितीकरण कानुन की प्रक्रिया पदनिर्देशित अधिकारी उमनपा आयुक्त की अगुवानी में 22 नवम्बर 2019 को शुरू हुई थी।

उल्हासनगर शहर को रेग्युलर नियमितीकरण कानुन 2006 का काम रुकने के 13 साल बाद फिर से उक्त कानुन को लागु करने की कवायद शुरू हुई थी, जद्दोजहद के बाद उल्हासनगर वासियों के लिए महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा नियमितीकरण कानुन 2006 को फिर से शुरू करने की हरी झंडी मिली, निर्गमित आदेशों के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना, नियमावली और अध्यादेश की जानकारी हेतु उमनपा आयुक्त श्री सुधाकर देशमुख को प्राधिकारी नियुक्त किया गया था, 2006 में तबतक की इमारतें नियमित करने के लिए राज्य सरकार और न्यायालय द्वारा अध्यादेश और कानून बनाया गया  था, परंतु उक्त कानून का पालन करने के लिए उस समय कुछ तकनीकी अड़चनों की वजह से रहिवासियों द्वारा 2006-2007 वर्ष में एप्लिकेशन रेग्युलर करने के लिए जो दिए गए थे उन्हें नियमित करने में मनपा असमर्थ रही, इसलिए रेग्युलर करने का काम 2013 में रुक गया था, अब 2019 में राज्य सरकार को दिए सुझावों की वजह से पहले ठाणे जिलाधिकारी जो डेजिग्नेटेड ऑथोरिटी थे वो उनके पास कार्यभार ज़्यादा होने के कारण अब उल्हासनगर मनपा आयूक्त को अधिकार दिया गया है, वह अधिकार फ़िरसे उमनपा आयुक्त को प्रदान किये जायें ताकि हमारे निर्माण, दुकान, मकान, इमारतो को नियमित करवा सके।




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