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उल्हासनगर शहर में नियम और कानून को ताक पर रखकर बिंदास बिकती है प्रतिबंधित प्लास्टिक थैलियां।

 

उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा


उल्हासनगर महानगर पालिका व महाराष्ट्र राज्य सरकार ने उल्हासनगर के लिए प्रतिबंधित प्लास्टिक थैलियों के अलग नीति व नियम बनाए हैं ऐसा लग रहा है। पूरे भारत देश में एक ही बार उपयोग में लायी जाने वाली पचास माइक्रोन या उससे कम की प्लास्टिक थैलियां प्रतिबंधित हैं परंतु उल्हासनगर में ठेले व दुकानों में धड़ल्ले से उपयोग में लायी जा रही हैं प्रतिबंधित प्लास्टिक की थैलियां। यहाँ व्यापारियों पर न जाने क्यों मेहरबान मनपा प्रशासन व पर्यावरण विभाग? कहा जाता है की उल्हासनगर में एक व्यापारी एसोसिएशन चलाने वाला व्यक्ति जो बार बार पार्टी बदलने में माहिर है ऐसा व्यक्ति जो अपने आप को व्यापारियों का मसीहा बताता है, जबकि वह शहर और पर्यावरण दोनो का दुश्मन है वह शहर के कुछ लोगों को व उमनपा अधिकारियों को पर्यावरण बर्बाद कर लोगों की जिंदगी से खेलने की एवज मे कुछ रुपये पहुंचा रहा है। केंद्र सरकार ने २०२२ में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था ।  हालांकि इससे पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने २३ जून २०१८ को राज्य में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था.  बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखने के बाद ५० माइक्रोन से अधिक के सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।भारत में प्रतिदिन लगभग २५ हजार टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है।  देश में प्रदूषण में प्लास्टिक कचरे का सबसे बड़ा योगदान है।प्लास्टिक विभिन्न तरीकों से नदियों और महासागरों में पहुँचता है।  प्लास्टिक के अति महीन कण यानी  ‘माइक्रोप्लास्टिक्स पानी के साथ मिश्रण हो जाता है   इससे नदी के साथ-साथ समुद्री जल भी प्रदूषित होता है।  समुद्र तक पहुँचना प्लास्टिक कचरे की सबसे बड़ी मात्रा प्लास्टिक है।  इतना ही नहीं इंसान के खून, जमीन की मिट्टी, मां के दूध, गाय के पेट में भी प्लास्टिक पाया जाता है।  ज्यादातर प्लास्टिक कचरा कचरा बैग, स्ट्रॉ, पैकेट जैसे चिप्स, बोतल के ढक्कन, खाने को ढकने के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से आता है। राज्य सरकार द्वारा प्लास्टिक प्रतिबंध में ढील देने के लिए, जबकि केंद्र सरकार और उच्च न्यायालय द्वारा प्लास्टिक प्रतिबंध लगाया गया था यह फैसला पर्यावरण के लिए हानिकारक है।उल्हासनगर मैं प्रतिबंधित प्लास्टिक थैलियां बनाने वाली कई बड़ी बड़ी फैक्ट्री है जो पूरे भारत मैं भेजी जाती है।

शौर्य टाइम्स महाराष्ट्र राज्य सरकार और प्रशासन से को यह अपील करता है जल्द से जल्द प्रतिबंधित प्लास्टिक थैलियां बनाने वाली कंपनियों पे जांच कर तुरंत करवाई करे और नेहरू चौक अमन टॉकीज रोड पर प्रतिबंधित प्लास्टिक थैलियां वाली दुकानों पे जाकर जांच करे और तुरंत कड़क कारवाई करे।





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