‘हो जमालो 2024-25’: सिंधी संस्कृति का भव्य उत्सव, महेश सुखरामानी ने बढ़ाया आयोजन का गौरव।


उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
जय हिंद कॉलेज, मुंबई में आयोजित प्रतिष्ठित अंतरमहाविद्यालयीन सिंधी कार्यक्रम ‘हो जमालो 2024-25’ ने सिंधी संस्कृति और भाषा के संरक्षण और प्रचार का एक ऐतिहासिक उदाहरण पेश किया। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र राज्य सिंधी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष श्री महेश सुखरामानी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत कर आयोजन का गौरव बढ़ाया।
कार्यक्रम में अपने प्रेरणादायक संबोधन के दौरान श्री सुखरामानी ने कहा, “‘हो जमालो’ जैसे आयोजन हमारी समृद्ध सिंधी परंपराओं और भाषा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां की आयोजन समिति का समर्पण और मेजबानी प्रशंसा के योग्य है।”
कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं:
सिंधी कला और संस्कृति का प्रदर्शन: विभिन्न महाविद्यालयों के छात्रों ने पारंपरिक नृत्य, संगीत और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से सिंधी विरासत की झलक पेश की।
प्रतियोगिताओं में उत्कृष्टता: छात्रों ने भाषण, लेखन, गायन और नृत्य जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपनी रचनात्मकता और प्रतिभा का परिचय दिया।
सांस्कृतिक जागरूकता का संदेश: यह कार्यक्रम न केवल मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि सिंधी भाषा और संस्कृति के महत्व को उजागर करने वाला एक प्रेरणादायक मंच भी साबित हुआ।
कार्यक्रम का समापन भव्य सम्मान समारोह और आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ। इस अवसर पर प्रतिभागियों और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीत लिया।
सिंधी समाज में कार्यक्रम की प्रतिक्रिया:
इस आयोजन ने सिंधी समुदाय के भीतर व्यापक उत्साह और गर्व का संचार किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करते हैं, बल्कि इसे नए आयाम भी देते हैं।
महत्वपूर्ण संदेश:
श्री महेश सुखरामानी ने अपने संदेश में युवाओं को सिंधी भाषा और संस्कृति से जुड़ने की प्रेरणा देते हुए कहा, “यह समय हमारी विरासत को सहेजने और उसे विश्व मंच पर ले जाने का है।”
जय हिंद कॉलेज का यह आयोजन आने वाले वर्षों में सिंधी संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए एक मिसाल साबित होगा। आयोजकों, प्रतिभागियों और दर्शकों की सराहनीय भागीदारी ने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया।