सार्वजनिक शौचालय के स्थान पर अतिक्रमण का खतरा, स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से की सुरक्षा की मांग।

उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
कैंप नंबर 4, ओटी सेक्शन, दिलीप शिंदे पेंटर के पास स्थित एक सार्वजनिक शौचालय को तोड़े जाने के बाद खाली पड़ी जमीन पर अतिक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर समय रहते इस भूमि को संरक्षित नहीं किया गया, तो यह क्षेत्र जल्द ही अवैध कब्जे का शिकार हो सकता है।
यह स्थान लंबे समय तक सार्वजनिक उपयोग के लिए था, लेकिन शौचालय तोड़े जाने के बाद यह भूमि खाली और असुरक्षित पड़ी है। क्षेत्र के जागरूक नागरिकों ने इस पर नजर बनाए रखी है, जिससे अब तक कोई अतिक्रमण नहीं हो सका है। हालाँकि, नागरिकों का आरोप है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर उदासीन बने हुए हैं।
स्थानीय नागरिकों की माँग
क्षेत्र के लोगों ने नगर आयुक्त से अपील की है कि इस भूमि पर तुरंत पक्की बाउंड्री बनाई जाए और इसे संरक्षित किया जाए। उनका कहना है कि अगर इसे नजरअंदाज किया गया, तो अतिक्रमणकारी इस जमीन पर कब्जा कर लेंगे, जिससे क्षेत्र का सार्वजनिक ढाँचा और सुविधाएँ प्रभावित होंगी।
प्रशासन पर सवाल उठे
इस मामले में स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि सार्वजनिक संपत्तियों की सुरक्षा करना प्रशासन का दायित्व है, लेकिन इसके बावजूद इस जमीन को ऐसे ही छोड़ दिया गया है।
क्षेत्रीय विवाद का बढ़ सकता है खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो यह जगह स्थानीय विवाद और सामाजिक अस्थिरता का कारण बन सकती है। अतिक्रमण न केवल सार्वजनिक स्थानों पर कब्जे का कारण बनता है, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी रुकावट पैदा करता है।
अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करता है। नागरिकों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर उनकी माँगें अनसुनी की गईं, तो वे आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।