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उल्हासनगर आयुक्त मनीषा आव्हाळे पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप — SIT जांच की माँग, नहीं तो 15 अगस्त से बेमियादी आंदोलन


उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा


राष्ट्र कल्याण पोटी के अध्यक्ष शैलेश तिवारी ने ठाणे जिलाधिकारी, ठाणे नगर पुलिस आयुक्त और संबंधित राजस्व अधिकारियों को पत्र भेजकर उल्हासनगर महानगरपालिका की आयुक्त मनीषा आव्हाळे (IAS) पर गंभीर भ्रष्टाचार, पद के दुरुपयोग और शासन को गुमराह करने के आरोप लगाए हैं। संगठन ने SIT (विशेष जांच दल) की नियुक्ति कर निष्पक्ष और कठोर जांच की माँग की है। ऐसा न होने की स्थिति में, संगठन ने 15 अगस्त 2025 से ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर बेमियादी आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।

👉 आयुक्त पर लगे मुख्य आरोप:

1. शासकीय वाहन का निजी उपयोग:
आयुक्त मनीषा आव्हाळे पर आरोप है कि उन्होंने शासकीय वाहन MH05DS3306 का उपयोग अपने पति (IRAS अधिकारी) को रोज़ बेलापुर स्थित कार्यालय छोड़ने के लिए किया। इस वाहन में ईंधन की आपूर्ति उल्हासनगर-5 के पेट्रोल पंप से नगरपालिके के खर्चे पर की जाती थी। यह स्पष्ट रूप से शासकीय संपत्ति के दुरुपयोग का मामला है।

2. टैक्स विभाग में ब्लैकमेलिंग का आरोप:
आरोप है कि आयुक्त ने उल्हासनगर-1 स्थित सेंचुरी रेयन कंपनी को टैक्स चोरी के मामलों में राहत देने के लिए कंपनी प्रबंधन पर उनके लिए बंगले की व्यवस्था करने का दबाव डाला। बंगला उपलब्ध न कराने पर कंपनी पर टैक्स चोरी में कार्रवाई की धमकी दी गई। इसके अलावा, अन्य अधिकारियों को भी कंपनी की निजी संपत्ति (फ्लैट्स) में रहने को मजबूर किया गया।

3. न्यायालय के आदेश की अवहेलना:
उल्हासनगर-3 में स्थित 2948 वर्गमीटर के अवैध बांधकाम को लेकर हाईकोर्ट और टाउन प्लानिंग विभाग ने पूरी संरचना गिराने के आदेश दिए थे। बावजूद इसके, आयुक्त ने सिर्फ चार दीवारें गिराकर शेष निर्माण संरक्षित रखा, जो आदेश की स्पष्ट अवमानना है।

4. ₹100 करोड़ का TDR घोटाला:
TDR सर्टिफिकेट क्रमांक 14 और 17 के अनियमित उपयोग की पुष्टि होने के बावजूद, आयुक्त ने शासन को 9 मई 2025 को रिपोर्ट देकर कहा कि यह TDR कहीं भी उपयोग में नहीं लाया गया है। राष्ट्र कल्याण पोटी ने दावा किया है कि उनके पास TDR उपयोग के ठोस सबूत हैं और आयुक्त ने शासन को जानबूझकर गुमराह किया।

5. भ्रष्ट अभियंता की पदस्थापना पर सवाल:
कनिष्ठ अभियंता संजय पवार, जिन्हें पहले भ्रष्टाचार के आरोप में रंगे हाथ पकड़ा गया था, उन्हें बार-बार नगर रचना विभाग (टाउन प्लानिंग) में ही नियुक्त किया जा रहा है। आरोप है कि उन्हें इमारत मंजूरी के नाम पर अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के लिए संरक्षण प्राप्त है।


💥 राष्ट्र कल्याण पोटी की प्रमुख माँगें:

आयुक्त मनीषा आव्हाळे के विरुद्ध SIT द्वारा निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।

TDR घोटाले, शासकीय वाहन दुरुपयोग, टैक्स ब्लैकमेलिंग और न्यायालय अवहेलना जैसे मामलों में कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।

भ्रष्ट अभियंता संजय पवार को तत्काल नगर रचना विभाग से हटाया जाए।


🛑 आंदोलन की चेतावनी:

राष्ट्र कल्याण पोटी ने स्पष्ट किया है कि यदि 15 अगस्त 2025 तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, तो जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष बेमियादी धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। संगठन ने यह भी बताया कि वे सभी दस्तावेज़ी प्रमाण SIT को सौंपने को तैयार हैं।



नोट: यह समाचार राष्ट्र कल्याण पोटी द्वारा भेजे गए पत्र और उपलब्ध दस्तावेजों पर आधारित है। संबंधित अधिकारी या पक्ष की प्रतिक्रिया प्राप्त होने पर समाचार को अपडेट किया जाएगा।

Shaurya Times

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