उल्हासनगर महानगरपालिका के दिव्यांग विभाग पर मनमानी और भ्रष्टाचार के आरोप, सूचना अधिनियम का उल्लंघन।
उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर महानगरपालिका के दिव्यांग विभाग पर मनमानी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। एक नागरिक द्वारा सूचना के अधिकार (RTI) के तहत दिव्यांग निधि और वितरित साहित्य से संबंधित जानकारी मांगी गई, लेकिन विभाग ने कोई उत्तर नहीं दिया। इसके बाद पहली अपील करने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महानगरपालिका का दिव्यांग विभाग दिव्यांगों को साल में सिर्फ तीन-चार महीने ही पेंशन प्रदान करता है। बाकी निधि को साहित्य वितरण के नाम पर बोगस बिल बनाकर खर्च किया जाता है। इसके चलते दिव्यांगों को मिलने वाला लाभ उन तक पूरी तरह नहीं पहुंच पाता।
इस मामले में संबंधित अधिकारियों पर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का उल्लंघन करने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए जा रहे हैं। शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दिव्यांग विभाग से हटाया जाए।