उल्हासनगर महानगरपालिका में करोड़ों के निधि घोटाले का मामला, अधूरी जांच और कार्रवाई पर उठे सवाल।

उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर महानगरपालिका के कई जनहितकारी कार्यों में हुए निधि घोटाले को लेकर बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। अधिवक्ता स्वप्निल दिलीप पाटील ने पुलिस विभाग और भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अब तक इस गंभीर मामले में किसी भी अधिकारी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि सभी दस्तावेज और प्रमाण पहले ही जमा कराए जा चुके हैं।
करोड़ों की निधि का अपव्यय और अपहरण: उल्हासनगर महानगरपालिका के नगररोतान निधि में सन 2023 और फरवरी 2024 में की गई अनियमितताओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। साथ ही, 2022 के मुलभूत सुविधा निधि और सामाजिक विकास योजना के अंतर्गत भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। अधिवक्ता पाटील का कहना है कि संबंधित अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर शासकीय निधियों का दुरुपयोग किया और अपव्यय के तहत करोड़ों रुपये का अपहरण किया।
भ्रष्टाचार की शिकायत और पुलिस कार्रवाई में देरी: इस मामले में कई समाजसेवकों ने भ्रष्टाचार की शिकायत की थी और इस पर उल्हासनगर के जनहितकारी कार्यों में लगे अधिकारी संदीप जाधव समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। 23/05/2024 को भ्रष्टाचार निरोधक विभाग, ठाणे के अधिकारियों की उपस्थिति में आंदोलन किया गया था और सभी दस्तावेजों के प्रमाण भी जमा कराए गए थे, परंतु अब तक भ्रष्टाचार में शामिल किसी भी अधिकारी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
भ्रष्टाचार निरोधक विभाग द्वारा जांच में देरी: 14 अगस्त 2024 को पुलिस अधीक्षक, भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने मामले की जांच के लिए आदेश दिए थे, जिसके तहत मुख्य अभियंता संदीप जाधव और अन्य अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू होनी थी। हालांकि, अर्धमहीना बीत जाने के बावजूद किसी भी अधिकारी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
आगे की कार्रवाई और चेतावनी: अधिवक्ता पाटील ने कहा कि संबंधित अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर सरकार के निधि का अपहरण किया है और जनता की सेवा में बाधा डाली है। उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक विभाग से इस मामले पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है, ताकि किसी भी अनियमितता की पुनरावृत्ति न हो।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो पुनः आंदोलन की नौबत आ सकती है।