उल्हासनगर का धोकादायक स्कायवॉक अस्थायी रूप से बंद, मरम्मत के लिए 3.17 करोड़ की मंजूरी।
उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर में 2017 में 34 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित स्कायवॉक अब गंभीर रूप से खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है। स्थानीय लोगों के लिए इस स्कायवॉक का उपयोग करना जानलेवा साबित हो सकता है। इसके अलावा, स्कायवॉक पर असामाजिक तत्वों का कब्जा भी हो गया है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
महाराष्ट्र शासन द्वारा मान्यता प्राप्त संरचनात्मक अभियंता द्वारा तैयार किए गए स्ट्रक्चरल ऑडिट/कंडीशन सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, स्कायवॉक की मरम्मत में देरी से न केवल ढांचे को नुकसान हो रहा है, बल्कि यह मानव जीवन के लिए भी खतरा बन गया है। इस रिपोर्ट के पृष्ठ 86 के अनुक्रमांक 6.6.6 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि, “मरम्मत कार्यक्रम में देरी से संकट का स्तर बढ़ता है और यह मानव जीवन और वित्तीय नुकसान के लिए खतरा बनता है।”
एक हात मदतीचा सामाजिक संस्था ने इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया और उल्हासनगर के आयुक्त श्री विकास ढाकणे को एक निवेदन दिया, जिसमें स्कायवॉक की खतरनाक स्थिति को देखते हुए इसे बंद करने की मांग की गई थी।
उल्हासनगर महापालिका ने इस निवेदन को संज्ञान में लेते हुए स्कायवॉक को अस्थायी रूप से बंद रखने का निर्णय लिया है, जब तक कि इसकी मरम्मत नहीं हो जाती। इसके साथ ही 2024-25 के संशोधित बजट में स्कायवॉक की मरम्मत के लिए 3.17 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।
इस निर्णय के लिए एक हात मदतीचा संस्था के विजय कदम ने आयुक्त और सभी अधिकारियों का धन्यवाद व्यक्त किया है।