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उल्हासनगर में JSK बिल्डर्स की योजना में जमीन घोटाला: टाउन प्लानिंग विभाग और बिल्डर की मिलीभगत से जनता का शोषण।

उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा

उल्हासनगर-5 में एक बड़े बिल्डिंग प्रोजेक्ट के निर्माण में विवाद पैदा हो गया है। यहां पर JSK बिल्डर्स, जिसमें ‘J’ का मतलब ‘झोलर’ (Jholler/Jamttu), ‘S’ का मतलब ‘शाना’ (Shana/Sonu) और ‘K’ का मतलब ‘खोबरा’ (Khobra/Kobra) है, की टीम ने एक नई आवासीय इमारत का निर्माण कार्य शुरू किया। इस परियोजना के लिए 450 वर्ग मीटर भूमि उद्यान के रूप में आरक्षित रखने की बात की गई थी।

हालांकि, इस योजना को पास कराने में गंभीर अनियमितताएं उजागर हो रही हैं। उल्हासनगर महानगरपालिका (UMC) के टाउन प्लानिंग विभाग के पूर्व अधिकारी प्रकाश द्वारा केवल 109 वर्ग मीटर क्षेत्र को उद्यान के लिए आरक्षित दिखाकर नक्शा पास कर दिया गया। प्रकाश के तबादले के बाद नए टाउन प्लानिंग अधिकारी ने इस प्रोजेक्ट पर पुनर्विचार के लिए खुद ही नोटिस जारी किया। लेकिन जैसे ही कुछ शिकायतें मिलीं, उन्होंने एक सुनवाई कर मामले को पेंडिंग में डाल दिया।

इस बीच, बिल्डर ने वास्तु सलाहकार रूपानी की जगह नए वास्तु विशेषज्ञ पवार को नियुक्त किया और योजना में बदलाव की चाल चली। नए टाउन प्लानिंग अधिकारी ने भी 109 वर्ग मीटर के स्थान पर 245 वर्ग मीटर का नोटिस जारी कर दिया, जिससे संदेह और गहरा हो गया।

हालांकि योजना में गलती स्पष्ट थी और इसे रद्द किया जाना चाहिए था, लेकिन इसके बावजूद निर्माण जारी रहा। अब यह कहा जा रहा है कि पूरा 450 वर्ग मीटर उद्यान के लिए आरक्षित दिखाकर इसे 30%/70% के आधार पर UMC को हस्तांतरित करने के बहाने TDR (Transfer of Development Rights) का खेल खेला जा रहा है। इस प्रक्रिया के कारण स्थानीय जनता के अधिकारों का शोषण हो रहा है और शहर की मूलभूत सुविधाओं पर भी प्रश्नचिह्न उठ रहे हैं।

स्थानीय नागरिकों को सतर्क किया जा रहा है कि हिल्टन नामक इस इमारत में फ्लैट खरीदने से पहले सभी कानूनी दस्तावेजों का गहन निरीक्षण करें। फ्लैट खरीदने में जल्दबाजी न करें और सभी आवश्यक प्रमाणपत्रों की जांच करें, ताकि आगे किसी कानूनी फँसावट से बचा जा सके। यह चिंता की बात है कि बिल्डर अपनी अनियमितताओं को ढकने में सफल हो रहा है और भविष्य में निवासियों को “जय श्री कृष्ण” कहकर कोर्ट और मंदिर के चक्कर लगाने के लिए छोड़ सकता है।

यह घटना केवल JSK बिल्डर्स तक सीमित नहीं है; इसके जरिए टाउन प्लानिंग डिपार्टमेंट, सिटी सर्वे और संबंधित विभागों में जारी अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। यह समय है कि प्रशासन इस मामले में गहरी जाँच कर जनता के हितों की रक्षा करे।

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