सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट से मचा बवाल, धर्मेंद्र बिसेन के खिलाफ मामला दर्ज।
उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर में एक सोशल मीडिया पोस्ट के कारण बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस पोस्ट में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस और एआईएमआईएम के प्रमुख नेताओं की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ और आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं। विवाद गहराने के बाद धर्मेंद्र धुर्वरसिंह बिसेन के खिलाफ विठ्ठलवाड़ी पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया है।
क्या है मामला?
शिकायतकर्ता स्वप्निल दिलीप पाटील (39), जो पेशे से वकील और प्रहार जनशक्ति पार्टी के ठाणे जिला अध्यक्ष हैं, ने बताया कि धर्मेंद्र बिसेन ने व्हाट्सएप ग्रुप और फेसबुक पर एक विवादास्पद पोस्ट साझा की। इस पोस्ट में शिवसेना (उद्धव गुट) के उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस के शरद पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी की तस्वीरों को मॉर्फ कर उन्हें अपमानजनक तरीके से दिखाया गया था।
पोस्ट के नीचे लिखा था: “कार्टून बनाने वाले को 21 तोपों की सलामी खतना”, जो न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला था, बल्कि दो गुटों के बीच विवाद को भड़काने वाला भी था।
शिकायतकर्ता का आरोप
स्वप्निल पाटील ने अपनी शिकायत में कहा कि यह पोस्ट समाज के बीच सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकती है और कानून-व्यवस्था के लिए खतरा उत्पन्न कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि पोस्ट चुनावी माहौल को खराब करने की मंशा से की गई थी।
पाटील ने MCC सेल (चुनाव आयोग, ठाणे) को ईमेल कर मामले की गंभीरता से जांच करने की अपील की थी।
पुलिस की कार्रवाई
विठ्ठलवाड़ी पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 196(1)(A), 196(1)(B), 353(2) और लोक प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 125 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी धर्मेंद्र बिसेन के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है, और इस मामले की जांच उप-निरीक्षक दराडे कर रहे हैं।
चुनावी माहौल में तनाव की आशंका
चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। इस विवादित पोस्ट के कारण उल्हासनगर और आस-पास के इलाकों में सांप्रदायिक तनाव का माहौल बनने की संभावना जताई जा रही है।
पुलिस की अपील
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री साझा करने से बचें। प्रशासन ने साफ किया है कि इस तरह की गतिविधियों में शामिल पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक हलकों में गूंज
यह मामला अब राजनीति के केंद्र में आ गया है। कई राजनीतिक दलों ने इस पोस्ट की निंदा की है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, शिवसेना (उद्धव गुट) और अन्य राजनीतिक दलों के समर्थकों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
यह मामला इस बात का उदाहरण बन गया है कि कैसे सोशल मीडिया का दुरुपयोग समाज में शांति और एकता के लिए खतरा बन सकता है। जांच के नतीजों पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।