छठ पूजा के बाद उल्हास नदी की सफाई अभियान में एस एस ग्रुप फाउंडेशन की पहल।
उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा
उत्तर भारतीय समुदाय के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक, छठ पूजा, का आयोजन उल्हास नदी के किनारे श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न हुआ। हजारों श्रद्धालुओं ने सूर्य देवता की पूजा-अर्चना की, लेकिन इसके बाद नदी तट पर गंदगी और जल प्रदूषण की समस्या गंभीर रूप में सामने आई। कचरे और प्लास्टिक के ढेर के कारण नदी का प्राकृतिक सौंदर्य धूमिल हो गया था, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरे का संकेत था।
इस चुनौती का सामना करने के लिए उल्हासनगर स्थित एस एस ग्रुप फाउंडेशन ने अपनी एक मजबूत पहल के तहत विशाल सफाई अभियान का आयोजन किया। फाउंडेशन के सैकड़ों सदस्य और युवा कार्यकर्ता इस अभियान में जुटे और नदी के पाँचवे मेल के पास सफाई कार्य में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये कार्यकर्ता नदी में उतरे और श्रद्धालुओं द्वारा छोड़े गए कचरे को एकत्रित कर नदी के तटों को पुनः स्वच्छ रूप दिया।
हजारों टन कचरे का निपटान, नदी में जमे प्लास्टिक और अन्य सामग्री का निस्तारण फाउंडेशन के सदस्यों ने किया। यह अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं था, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए भी प्रेरित किया गया। फाउंडेशन के सदस्यों ने स्थानीय निवासियों के बीच जागरूकता फैलाने का भी कार्य किया, ताकि भविष्य में लोग इस प्रकार की गंदगी से बचने के लिए सतर्क रहें और पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने में योगदान दें।
एस एस ग्रुप फाउंडेशन के अध्यक्ष ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल नदी की सफाई करना नहीं था, बल्कि लोगों के बीच सफाई और पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदारी का भाव जगाना भी था। भविष्य में हम इस तरह के अभियानों को और भी बढ़ावा देंगे, ताकि हमारी नदियाँ और हमारा वातावरण प्रदूषण मुक्त रह सके।”
इस अभियान की सफलता से उल्हासनगर में एक नई लहर देखने को मिली है। एस एस ग्रुप फाउंडेशन के इस कदम से स्थानीय प्रशासन और अन्य संस्थाओं को भी प्रेरणा मिली है, और वे भविष्य में इस प्रकार के कार्यों में सहयोग करने का आश्वासन दे रहे हैं।