उल्हासनगर वासियों के मेट्रो सिर्फ एक सपना? मेट्रो प्रोजेक्ट पर वर्षों से अधूरी उम्मीदें।

उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा
मेट्रो प्रोजेक्ट के नाम पर उल्हासनगर के नागरिकों को कई वर्षों से सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन वास्तविकता में इस परियोजना पर कोई ठोस प्रगति नहीं दिख रही है। मेट्रो सेवा को लेकर शहरवासियों की उम्मीदें लंबे समय से बनी हुई हैं, लेकिन यह सपना अब तक हकीकत में नहीं बदला।
मेट्रो कनेक्टिविटी की चर्चा हर चुनावी मौसम में जोर पकड़ती है। उम्मीदवार और राजनेता मेट्रो के माध्यम से शहर को मुंबई और आसपास के इलाकों से बेहतर कनेक्टिविटी का वादा करते हैं। लेकिन प्रोजेक्ट की न तो कोई ठोस योजना जनता के सामने रखी गई है और न ही इसका कोई काम जमीन पर शुरू हुआ है।
शहरवासियों की नाराजगी
स्थानीय निवासियों का कहना है कि मेट्रो प्रोजेक्ट की बात केवल राजनीतिक रैलियों और घोषणाओं तक सीमित रह गई है। “हर बार नए वादे किए जाते हैं, लेकिन हमें केवल प्रतीक्षा ही करनी पड़ती है,” एक स्थानीय नागरिक ने नाराजगी व्यक्त की।
शहर की बढ़ती जरूरतें
उल्हासनगर, जो एक प्रमुख व्यापारिक और आवासीय केंद्र है, बेहतर सार्वजनिक परिवहन की सख्त जरूरत महसूस कर रहा है। शहर में यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है, और मेट्रो जैसी आधुनिक परिवहन प्रणाली इस समस्या का समाधान कर सकती है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा
शहरवासी अब चाहते हैं कि प्रशासन और संबंधित विभाग इस परियोजना पर गंभीरता से विचार करें और इसकी प्रगति की स्थिति पर पारदर्शी रूप से जानकारी दें। मेट्रो प्रोजेक्ट केवल एक सपना न रहकर वास्तविकता बने, यह उल्हासनगर के नागरिकों की प्रमुख मांग है।