58 सालों से चलती आयी परंपरा आज भी कायम।




उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर के सिरु चौक स्थित लस्सी गली और सोनार गली में 1965 से चली आ रही परंपरा, लाल लोही महापर्व, आज भी पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जा रही है। इस परंपरा की शुरुआत स्व. दादा दयालदास छतलानी ने की थी। उन्होंने इसे सिंधी समाज का एक प्रमुख त्योहार बताते हुए इसकी नींव रखी थी।
इस परंपरा को उनके सुपुत्र और USA के व्यापारी प्रमुख दीपक छतलानी आगे बढ़ा रहे हैं। इस वर्ष लाल लोही महापर्व के अवसर पर लस्सी सेवा मंडल, कूल बॉयज ग्रुप और रवि फ्रेंड सर्कल जैसे विभिन्न समूहों ने भव्य आयोजन किया। इस मौके पर भाजपा के पूर्व नगरसेवक प्रकाश मखीजा, भाजपा नेता मोहन रामवानी (लस्सी), एडवोकेट विनोद उज्जेनवाल, समाजसेवक सोनू चंचलानी, रवि महतानी और अनिल कारिया (पापड़) समेत समाज के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस महापर्व में लस्सी गली और सोनार गली में विविध झांकियां और थीम आधारित प्रस्तुतियां देखने को मिलीं। स्व. दादा दयालदास छतलानी द्वारा बोया गया यह बीज आज एक विशाल वृक्ष के रूप में स्थापित हो चुका है। उनका सपना आज भी जीवित है और समाज इसे पूरे गर्व के साथ निभा रहा है।