उल्हास नदी जलपर्णी के चंगुल में, प्रदूषण बढ़ने से नागरिकों पर खतरा।

उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
ठाणे जिले की जीवनरेखा उल्हास नदी एक बार फिर जनवरी महीने में जलपर्णी की चपेट में आ गई है। इस समस्या को बढ़ते प्रदूषण का संकेत माना जा रहा है, जिससे नागरिकों को दूषित पानी और उससे उत्पन्न होने वाले विभिन्न बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
कल्याण तालुका और इसके आसपास के इलाकों के सैकड़ों ग्रामीण पंचायतों और शहरी क्षेत्रों, जैसे कि मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, उल्हासनगर, और कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका के लिए उल्हास नदी जल आपूर्ति का मुख्य स्रोत है।
हालांकि, कर्जत, अंबरनाथ, बदलापुर और कल्याण जैसे इलाकों से बहने वाला अनप्रक्रियित सीवेज, केमिकल वेस्ट, ड्रेनेज लाइन का गंदा पानी, और फार्महाउस के अपशिष्ट सीधे नदी में डाले जाने से जलपर्णी का विस्तार हो रहा है।
कर्जत, रायते और कांबा जैसे क्षेत्रों में जलपर्णी का जमाव जनवरी के शुरुआती दिनों से ही शुरू हो गया है। इस समस्या से निपटने के लिए संबंधित प्रशासन को फिर से जलपर्णी हटाने का अभियान चलाना होगा।