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ठाणे के डायघर क्षेत्र में कचरा प्रबंधन परियोजना बनी प्रदूषण का कारण, प्रशासन पर लापरवाही के आरोप.

ठाणे: नीतू विश्वकर्मा

ठाणे महानगरपालिका द्वारा डायघर में कचरे से बिजली बनाने की महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की गई थी, लेकिन यह योजना सफल होने के बजाय अब नागरिकों के लिए गंभीर समस्या बन गई है। स्थानीय नागरिकों ने पहले ही इस परियोजना की विफलता को लेकर प्रशासन को आगाह किया था, क्योंकि इसके संचालन में आवश्यक पर्यावरणीय मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था।

अब इस परियोजना से बिजली उत्पादन तो नहीं हो रहा, लेकिन भयंकर दुर्गंध और वायु प्रदूषण ने नागरिकों का जीना मुश्किल कर दिया है। हाल ही में लगी आग के कारण डायघर क्षेत्र में धुआं फैल गया है, जिससे स्थानीय निवासियों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है।

प्रशासन की अनदेखी पर नागरिकों में रोष
स्थानीय लोगों का आरोप है कि ठाणे के कुछ प्रभावशाली परिवारों को छोटी-सी असुविधा होने पर प्रशासन तुरंत कार्रवाई करता है, लेकिन डायघर के नागरिकों की समस्याओं की ओर किसी का ध्यान नहीं है। ठाणे का कचरा डायघर में फेंका जा रहा है, जिससे वहां के नागरिकों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

पर्यावरणविदों और स्थानीय सामाजिक संगठनों का कहना है कि यह परियोजना शुरू से ही अव्यवस्थित थी और इसके नियमों का पालन नहीं किया गया। प्रशासन द्वारा इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया गया तो नागरिकों का आक्रोश और बढ़ सकता है।

महानगरपालिका और अधिकारियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
स्थानीय लोगों ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) से मांग की है कि वह ठाणे महानगरपालिका के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और इस गंभीर लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। अन्यथा, नागरिक बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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