हिरा घाट स्कूल मैदान में बिना अनुमति जारी शेड निर्माण—UMC की भूमिका संदिग्ध?

उल्हासनगर, नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर स्थित हिरा घाट स्कूल मैदान में लगभग 5000 से 7000 वर्ग फुट के क्षेत्र में शेड निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है। यह कार्य बिना किसी आधिकारिक स्वीकृति और सार्वजनिक सूचना के किया जा रहा है, जिससे उल्हासनगर नगर निगम (UMC) की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह निर्माण कार्य नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है, और इसमें नगर निगम की संभावित मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। काजल पेट्रोल पंप के समीप हो रहे इस निर्माण को लेकर नागरिकों में आक्रोश है, क्योंकि न तो निर्माण स्थल पर कोई आधिकारिक बोर्ड लगाया गया है और न ही कोई टेंडर प्रक्रिया सार्वजनिक की गई है। यह स्थिति साफ़ तौर पर संदेह उत्पन्न करती है कि कहीं यह कार्य निजी स्वार्थ या किसी अनियमितता का परिणाम तो नहीं है।
बिना अनुमति निर्माण—UMC की अनदेखी या मिलीभगत?
शहर में अवैध निर्माण और नगर निगम की कार्यप्रणाली को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। अब हिरा घाट स्कूल मैदान में बिना अनुमति जारी इस निर्माण कार्य को लेकर प्रशासन की चुप्पी गंभीर आशंकाओं को जन्म दे रही है। यदि यह कार्य नगर निगम की स्वीकृति से किया जा रहा है, तो इसकी जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई? और यदि यह अवैध रूप से हो रहा है, तो अब तक इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
सूत्रों के अनुसार, जिस भूमि को एक ट्रस्ट को 99 वर्षों की लीज पर दिया गया था, उसे सिंग नामक व्यक्ति को बेच दिया गया, और इस शेड निर्माण का ठेका एक तड़ीपार के रह चुके आरोपी ख्वाजा कुरैशी को दिया गया है। यह गंभीर अनियमितता की ओर इशारा करता है, क्योंकि न तो इस भूमि के स्वामित्व परिवर्तन पर कोई आधिकारिक कार्रवाई की गई और न ही नगर निगम ने इस निर्माण कार्य को रोकने के लिए कोई कदम उठाया।
नागरिकों और सामाजिक संगठनों की मांग—उच्च स्तरीय जांच आवश्यक
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने UMC प्रशासन से पारदर्शिता और स्पष्टता की मांग की है। उन्होंने उच्च अधिकारियों से अपील की है कि:
1. इस निर्माण कार्य की वैधता की तत्काल जांच की जाए।
2. यदि इसमें कोई अनियमितता पाई जाती है, तो इसे तत्काल प्रभाव से रोका जाए।
3. जिम्मेदार अधिकारियों और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
शहर में सार्वजनिक स्थलों पर हो रहे निर्माण कार्यों को लेकर नागरिकों की चिंताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रशासन की निष्क्रियता और नियमों की अनदेखी से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि उल्हासनगर नगर निगम इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाए और पारदर्शिता सुनिश्चित करे।