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सोशल मीडिया पर बदनामी और मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या की नौबत, पीड़िता ने मांगी न्याय की गुहार।

उल्हासनगर – नीतू विश्वकर्मा

“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के दौर में एक बेटी की असुरक्षा का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। उल्हासनगर की निवासी कु. पूनम राजू वाघरी ने पुलिस प्रशासन को अर्जी देकर न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके परिवार को सोशल मीडिया पर बदनाम किया गया, जिससे उन्हें आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा।

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी बड़ी बहन के ससुरालवालों ने मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न कर उनका वैवाहिक जीवन तबाह कर दिया। इसके चलते उनके परिवार ने झंझवाड़िया परिवार के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला उल्हासनगर कोर्ट में दर्ज करवाया। लेकिन इसके बाद से झंझवाड़िया परिवार ने बदले की भावना से उनके पूरे परिवार की समाज में बदनामी शुरू कर दी, जिससे उनका जीवन दूभर हो गया।

मंगेतर पर दबाव बनाकर तुड़वाया रिश्ता

पीड़िता ने बताया कि 16 जून 2023 को मीरा रोड निवासी रोहित गंगाराम धामा के साथ उनकी सगाई हुई थी और नवंबर 2023 में शादी तय थी। लेकिन झंझवाड़िया परिवार को जब इस रिश्ते की जानकारी मिली तो उन्होंने पीड़िता के मंगेतर और उसके परिवार से संपर्क साधा और बदनाम करने का षड्यंत्र रचा। श्री दशरथ कांती झंझवाड़िया ने पीड़िता के मंगेतर को धमकी दी कि “लड़की और उसका परिवार अच्छा नहीं है, अगर रिश्ता नहीं तोड़ा तो अंजाम बुरा होगा।”

लगातार धमकियों से डरे मंगेतर ने 12 सितंबर 2023 को अंधेरी में पीड़िता को बुलाकर सगाई तोड़ने का फैसला सुनाया। इस मानसिक आघात से पीड़िता इतनी टूट गई कि 17 अक्टूबर 2023 को उन्होंने फिनायल पीकर आत्महत्या का प्रयास किया। हालांकि समय पर अस्पताल में भर्ती कर उन्हें बचा लिया गया। लेकिन उल्हासनगर पुलिस ने इस मामले में केवल एनसीआर दर्ज की, जिससे आरोपियों के हौसले और बुलंद हो गए।

सोशल मीडिया पर चरित्र हनन की साजिश

पीड़िता के अनुसार, आरोपी इतने पर भी नहीं रुके। उन्होंने सोशल मीडिया पर उनके और उनके परिवार की अश्लील तस्वीरें एडिट कर वायरल कर दीं। उन्होंने पोस्ट में लिखा – ‘रुपया कमाने के लिए लोगों को ब्लैकमेल करने वाली मां-बेटी से सावधान’, ‘बेटी का घर तोड़ने वाली राखी राजू मलिया’, और ‘मां-बेटी का यह धंधा बंद करवाओ’ जैसी आपत्तिजनक बातें लिखीं।

इतना ही नहीं, झंझवाड़िया परिवार ने समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों और पीड़िता का साथ देने वाले रिश्तेदारों को भी बदनाम करना शुरू कर दिया। उन्होंने धमकी भरे वीडियो सोशल मीडिया पर डाले, जिनमें कहा गया कि जो भी उनका समर्थन करेगा, उसका भी वही हाल किया जाएगा। इस कारण से समाज में पीड़िता और उनके परिवार को अलग-थलग किया जा रहा है।

पुलिस प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

कु. पूनम वाघरी ने पुलिस प्रशासन से आग्रह किया है कि झंझवाड़िया परिवार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, समाज में प्रचलित दकियानूसी परंपराओं को समाप्त करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में किसी और लड़की को इस तरह के अन्याय का सामना न करना पड़े।

पीड़िता ने अपने आवेदन के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किए गए आपत्तिजनक संदेशों के सबूत भी संलग्न किए हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर मामले पर क्या कार्रवाई करता है और क्या पीड़िता को न्याय मिल पाता है या नहीं।

यह खबर न केवल पीड़िता के संघर्ष को उजागर करती है, बल्कि समाज में हो रहे अन्याय की ओर भी ध्यान आकर्षित करती है। यदि आप इसमें कोई और विवरण जोड़ना चाहते हैं या इसे और अधिक प्रभावी बनाना चाहते हैं, तो बताइए!

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