उल्हासनगर मनपा में क्या चल रहा है? आपराधिक पृष्ठभूमि वाले कर्मचारी को किया गया निलंबित, लेकिन कार्रवाई की जानकारी छुपाई गई!


उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा
निलंबित कर्मचारी शाहू निकाळजे के मामले में सामान्य प्रशासन विभाग की भूमिका पर उठे सवाल…?
उल्हासनगर: प्रशासनिक राजवट लागू होने के बाद से उल्हासनगर महानगरपालिका में कामचोरी करने वाले और आपराधिक प्रवृत्ति के कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। भ्रष्टाचार के मामलों में एसीबी द्वारा की गई छापेमारी और उसके बाद कर्मचारियों के निलंबन की संख्या में वृद्धि हुई है। ऐसे में जब आयुक्त ने प्रशासन की अनियमितताओं को दूर करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, तो दूसरी ओर सामान्य प्रशासन विभाग उन कर्मचारियों को संरक्षण देने की कोशिश करता दिख रहा है जिन्हें निलंबित किया गया है। इससे मनपा का आंतरिक अव्यवस्था उजागर हो गई है।
उल्हासनगर मनपा का सामान्य प्रशासन विभाग कर्मचारियों की नियुक्ति, प्रबंधन और सेवा प्रवेश नियमों का पालन करवाने वाला विभाग है, लेकिन इस विभाग पर काम में लापरवाही, टालमटोल और निष्क्रियता के गंभीर आरोप लगते रहे हैं।
मनपा की वरिष्ठ लिपिक पूर्वा इंगळे को एक महत्वपूर्ण पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश थे। यह मामला कानून और व्यवस्था से जुड़ा था, इसके बावजूद उन्होंने न तो उस पत्र को गंभीरता से लिया और न ही समय रहते कार्रवाई की। उनके आचरण को महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम की धारा 72(क)(1) और (2) का उल्लंघन माना गया है, और उनके विरुद्ध अधिनियम की धारा 72(क)(3) के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की गई थी। इसके साथ ही धारा 56 और महाराष्ट्र नागरी सेवा (आचरण) नियम, 1979 के नियम 3 के उल्लंघन के आरोप में उन्हें तत्कालीन आयुक्त अजीज शेख द्वारा निलंबित किया गया।
इसके बावजूद सामान्य प्रशासन विभाग की कार्यशैली में सुधार नहीं दिख रहा है। उल्हासनगर मनपा के नगररचना विभाग में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर शाहू दगडु निकाळजे उर्फ शाहू दादाराव निकाळजे के निलंबन मामले में विभाग की लापरवाही सामने आई है।
निकाळजे ने 23 सितंबर 2024 से मेडिकल छुट्टी की सूचना दी थी। तीन महीने से अधिक समय तक कार्य से अनुपस्थित रहने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी की गई थी। उनके द्वारा 22 जनवरी 2025 को दिया गया स्पष्टीकरण आयुक्त द्वारा अस्वीकार कर दिया गया और उनके निलंबन की कार्रवाई की गई।
इस बीच यह भी सामने आया कि शाहू निकाळजे को 25 फरवरी 2025 को नेकनूर पुलिस स्टेशन, बीड में बीएनएस 2023 की कई धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ एफआईआर क्रमांक 0255 के तहत गंभीर धाराओं में मामला दर्ज है। इसके बावजूद सामान्य प्रशासन विभाग ने उनके निलंबन की कार्रवाई को छिपाने की कोशिश की।
जब सामाजिक कार्यकर्ता राहुल सोनार ने इस मामले का पीछा किया, तब यह पूरा प्रकरण उजागर हुआ। अब उन्होंने मांग की है कि गंभीर अपराध में गिरफ्तार कर्मचारी के निलंबन की जानकारी छुपाने की कोशिश करने वाले सामान्य प्रशासन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।