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उल्हासनगर में शिवसेना विभाग प्रमुख प्रमोद पांडे पर हमला: आपसी विवाद या राजनीतिक साजिश? दोनों पक्षों में बयानबाज़ी तेज़।



उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा

उल्हासनगर में 11 अप्रैल की रात शिवसेना के विभाग प्रमुख प्रमोद पांडे पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला हुआ। यह हमला उस समय हुआ जब वे अपने घर लौट रहे थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) के पूर्व शाखा प्रमुख गौतम शरंदौर ने फोन कर गाड़ी खराब होने का बहाना बनाकर पांडे को रेलवे फाटक के पास बुलाया और वहां उन पर हमला कर दिया गया।

घायल अवस्था में प्रमोद पांडे को उल्हासनगर के लाइफकेयर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

प्रमोद पांडे, शिवसेना के माजी शहर प्रमुख भुल्लर के करीबी माने जाते हैं। शौर्य टाइम्स से बातचीत में प्रमोद पांडे ने आरोप लगाया कि यह हमला राजनीतिक रंजिश का नतीजा है। उनके अनुसार, हाल ही में शिवसेना (उद्धव गुट) के कुछ पदाधिकारी शिंदे गुट में शामिल हुए थे, जिससे नाराज़ होकर गौतम शरंदौर ने यह हमला किया।

इस मामले में नया मोड़ तब आया जब उल्हासनगर शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के उपशहर प्रमुख दिलीप मिश्रा ने मीडिया में बयान जारी कर प्रमोद पांडे के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने स्पष्ट कहा:

“प्रमोद पांडे और गौतम शरंदौर आपसी मित्र हैं और दोनों ही विक्की भुल्लर के नजदीकी हैं। दोनों हाल ही में शिवजयंती के कार्यक्रम में एक साथ नजर आए थे। यह हमला आपसी विवाद का परिणाम है, न कि किसी राजनीतिक साजिश का। प्रमोद पांडे द्वारा उद्धव ठाकरे गुट को इस घटना से जोड़ना पूरी तरह गलत है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ मीडिया चैनल्स बिना किसी पुष्टि के भ्रामक समाचार चला रहे हैं, जिससे जनमानस में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

उल्हासनगर पुलिस ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह स्पष्ट करने की कोशिश कर रही है कि यह हमला पूर्व नियोजित था या आपसी कहासुनी का नतीजा। दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

यह घटना केवल एक व्यक्ति पर हमले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्थानीय राजनीति में बढ़ती असहिष्णुता और आपसी रंजिशों को भी उजागर करती है। फिलहाल उल्हासनगर की जनता और राजनीतिक गलियारे इस मामले की सच्चाई सामने आने का इंतज़ार कर रहे हैं।

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