“पप्पू कालानी: उल्हासनगर की पहचान, जनमानस के दिलों की शान — 75 उपाधियाँ एक महान व्यक्तित्व को समर्पित”

आर्टिकल : नीतू विश्वकर्मा
राजनीति में कुछ नाम केवल कुर्सियों तक सीमित नहीं होते, वे जनमानस के दिलों में अपनी जगह बनाते हैं। उल्हासनगर शहर में ऐसा ही एक नाम है — श्री पप्पू कालानी।
वे सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक युग, एक विचारधारा और एक विश्वास हैं। उन्होंने दशकों तक इस शहर के लोगों के सुख-दुख में सहभागी बनकर, हर वर्ग के दिल में अपनी खास जगह बनाई है।
एक समर्पित शोधकर्ता ने उनके व्यक्तित्व और जनभावनाओं पर आधारित 75 उपाधियाँ एकत्रित कीं — ये वो नाम हैं, जो उन्हें उनके चाहने वाले, सहयोगी, विरोधी, और आम जनता समय-समय पर देते आए हैं। यह केवल नामों की सूची नहीं, बल्कि उस जननेता के प्रभाव, प्यार और प्रतिष्ठा की जीवंत तस्वीर है।
श्री पप्पू कालानी जी के 75 विशेष उपनाम —
1. साहेब
2. नेता
3. मसीहा
4. लाडला
5. लोकनायक
6. शेर दिल
7. हर दिल अज़ीज़
8. महानायक
9. कालानी साहेब
10. सुरेश
11. पप्पू साहेब
12. लोकप्रिय
13. शुभचिंतक
14. खैरख्वाह
15. प्रिय नेता
16. समाजसेवक
17. सर
18. सरकार
19. शिल्पकार
20. रॉबिन हुड
21. आराध्य देव
22. देव मानुष
23. बाहुबली
24. डॉन
25. कुख्यात
26. सरगना
27. टाडा आरोपी
28. स्ट्रॉन्ग मैन
29. डायनामिक लीडर
30. आयरन मैन
31. गॉडफादर
32. रक्षक
33. बॉस
34. फैमिली मैन
35. सिंधियों का रक्षक
36. डैडी
37. पप्पा
38. भाई
39. कालानी जी
40. दादा
41. भाऊ
42. साहेब जी
43. व्यापारी रक्षक
44. व्यापारी नेता
45. पूर्व आमदार
46. पूर्व विधायक
47. एक्स-एमएलए
48. बच्चों का प्यारा
49. बुज़ुर्गों का दुलारा
50. महिलाओं का रक्षक
51. संतों का प्रिय
52. पप्पू शेर
53. ग़रीबों का नेता
54. पीड़ितों का साथी
55. वंचितों का सहारा
56. निराधारों का आधार
57. युवाओं का जोश
58. सिंधी शिवाजी
59. सिंघम
60. दिलेर
61. डेरिंगबाज़
62. दिलबर
63. विज़नरी लीडर
64. सिटी आइकॉन
65. राज बब्बर
66. लिकर किंग
67. वाइन सम्राट
68. किंग ऑफ उल्हास
69. जानबाज़
70. वन मैन आर्मी
71. सिंधी सपूत
72. दयावान
73. शहर का राजा
74. सन ऑफ उल्हासनगर
75. सिंधी शेर
एक नाम, अनेक भावनाएँ…
इन नामों के पीछे सिर्फ शब्द नहीं, हजारों लोगों की भावनाएँ, आस्था, और अनुभव छिपे हैं। कोई उन्हें “भाई” कहता है, कोई “गॉडफादर”, कोई “सिंधी शिवाजी”, तो कोई “दयावान”। हर नाम, हर उपाधि, एक अलग दृष्टिकोण से उनके व्यक्तित्व को परिभाषित करती है।
वे किसी के लिए संरक्षक हैं, तो किसी के लिए प्रेरणा। किसी के लिए संकटमोचक हैं, तो किसी के लिए साहस और संघर्ष की मिसाल। उल्हासनगर की जनता के दिलों में उनका स्थान केवल एक नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक अपने जैसे अपने के रूप में दर्ज है।
—
उल्हासनगर उन्हें भूल नहीं सकता…
आज भी जब शहर की गलियों में उनका नाम लिया जाता है, तो सिर्फ तालियाँ नहीं, बल्कि भावनाएँ गूंज उठती हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि नेतृत्व पद से नहीं, दिलों से प्राप्त होता है।
श्री पप्पू कालानी — उल्हासनगर की पहचान का नाम, एक ऐसा व्यक्तित्व, जो समय के साथ और भी सशक्त बनता चला गया।