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कल्याण में दिल दहला देने वाला कांड: पति द्वारा नाबालिग के अपहरण, बलात्कार और हत्या के बाद पत्नी को सबूत मिटाने के आरोप में मिली जमानत — विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने जताई सहमति।



कल्याण  प्रतिनिधि:नीतू विश्वकर्मा


कोलसेवाडी पुलिस थाने में दर्ज एक सनसनीखेज मामले में विशेष POCSO अदालत ने आरोपी संख्या-2 साक्षी विशाल गवळी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। यह प्रकरण महाराष्ट्र राज्य बनाम विशाल अभिमान गवळी एवं अन्य के विरुद्ध दर्ज है, जिसमें मुख्य आरोपी विशाल गवळी द्वारा नाबालिग लड़की के अपहरण, बलात्कार और हत्या का गंभीर आरोप है।

पूरा मामला:

आरोप के अनुसार, मुख्य आरोपी विशाल अभिमान गवळी ने 23 दिसंबर 2024 को एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी निर्मम हत्या कर दी।

आरोपी की पत्नी साक्षी विशाल गवळी पर आरोप है कि उसने हत्या के बाद पति के दबाव में मृतदेह को ठिकाने लगाने तथा सबूत मिटाने में उसकी मदद की।

साक्षी गवळी का दावा है कि वारदात के समय वह अपने बैंक के काम पर थी और शाम 6 बजे घर लौटी, तब तक हत्या हो चुकी थी। उसके मुताबिक, आरोपी पति ने उसे धमकाया और गला दबाने की कोशिश की, जिसके बाद उसने डरे सहमे पति की मदद की।

जांच में यह भी सामने आया कि साक्षी का मोबाइल फोन घटना में उपयोग हुआ, जिसमें ऑटो बुकिंग और शराब की खरीदारी की जानकारी मिली। लेकिन साक्षी का कहना है कि यह सब पति ने जबरन उसके मोबाइल से किया।

पुलिस ने इस गंभीर प्रकरण की विस्तृत जांच के बाद चार्जशीट दाखिल कर दी है।


सरकारी वकील की दलील:

विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने अदालत में यह स्वीकार किया कि मुख्य अपराध पति द्वारा किया गया है और साक्षी गवळी की भूमिका केवल सबूत नष्ट करने तक सीमित रही है। उन्होंने इस जमानत याचिका पर कोई आपत्ति नहीं जताई।

अदालत का आदेश:

विशेष POCSO न्यायालय की न्यायाधीश श्रीमती वी. ए. पत्रावले ने आदेश में कहा कि —

आरोपी साक्षी विशाल गवळी की भूमिका भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 238(ए) के अंतर्गत आती है, जो कि जमानती अपराध है।

मुख्य आरोपी (पति) ने आत्महत्या कर ली है तथा साक्षी का मुख्य अपराध में प्रत्यक्ष योगदान नहीं है।

इस आधार पर अदालत ने साक्षी गवळी को ₹10,000 के निजी मुचलके एवं एक या दो जमानतदारों पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

साथ ही शर्त रखी गई है कि वह साक्ष्य से छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित नहीं करेगी तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखेगी।


यह सनसनीखेज मामला अब न केवल कल्याण ईस्ट में बल्कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा और न्याय प्रणाली पर गंभीर सवाल उठा रहा है। मुख्य आरोपी की आत्महत्या के बाद भी इस मामले में कई रहस्यमयी परतें अब भी खुलनी बाकी हैं।

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