ठाणे पुलिस की मिलीभगत से फल-फूल रहा लॉटरी माफिया?
RTI एक्टिविस्ट शिवानंद पांडे का आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी — पुलिस कार्रवाई से बचती नजर आ रही!


ठाणे : नीतू विश्वकर्मा
ठाणे कमिश्नरेट के अंतर्गत DCP Zone 3 और Zone 4 क्षेत्र में “कानून का राज है या लॉटरी माफिया का?” यह सवाल अब पूरे शहर में चर्चा का विषय बन चुका है। खुलेआम 750 से अधिक Win Game, Skill Game, Online Lottery, राजश्री और अन्य जुए के अड्डे धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। यह पूरा नेटवर्क हाई कोर्ट के आदेशों और भारतीय कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा है, और ठाणे पुलिस मूकदर्शक बनी बैठी है।
RTI कार्यकर्ता और एडवोकेट शिवानंद पांडे ने इन अवैध धंधों के खिलाफ कई बार ठोस सबूतों सहित लिखित शिकायतें दीं, मगर हर बार पुलिस प्रशासन ने या तो कार्रवाई से इनकार किया या शिकायतों को दबा दिया। पांडे ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि —
> “पुलिस की शह के बिना इतने बड़े पैमाने पर यह गोरखधंधा संभव ही नहीं है। यह पूरा जुआ रैकेट पुलिस की मिलीभगत से चल रहा है।”
अब शिवानंद पांडे ने ठाणे पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर आमरण अनशन शुरू कर दिया है, और यह अनशन आज तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। उनका सीधा ऐलान है:
> “जब तक अवैध लॉटरी अड्डों पर FIR दर्ज नहीं होती और कठोर कार्रवाई नहीं की जाती, मेरा अनशन जारी रहेगा।”
“10 रुपये लगाओ और 100 रुपये जीतो” जैसी स्कीमें सीधे जुए की परिभाषा में आती हैं। ‘स्किल गेम’ के नाम पर यह पूरा धंधा सिर्फ एक झूठा मुखौटा है। पुलिस सब कुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे बैठी है।”
👉 अब यह सवाल पूरे प्रशासन पर खड़ा हो चुका है:
पुलिस आखिर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही?
क्या ठाणे पुलिस का बड़ा हिस्सा इस रैकेट से आर्थिक लाभ ले रहा है?
हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद कार्रवाई से बचना — क्या यह सीधा अदालत की अवमानना नहीं है?
आखिर ठाणे पुलिस कमिश्नर इस पूरे जुआ रैकेट के सामने लाचार क्यों नजर आ रहे हैं?
शहर के जागरूक नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक नेताओं ने महाराष्ट्र सरकार, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री से इस मामले में तत्काल हाई-लेवल जांच कराने की मांग की है।
यदि शीघ्र कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो यह आंदोलन और विकराल रूप ले सकता है।
कानून व्यवस्था पर से जनता का विश्वास उठना तय है।