ArticleAwarenessBreaking NewsCentral police stationCorruptionCorruption CaseCrimeCrime citycriminal offencefeaturedfraudulentGadgetsgamblingguidelines CrimeheadlineHeadline TodayHill line police stationLife StyleLifestylelocalitylotteryNo justicepoliticalpoliticsprotest for justicepublic awarenessRTI ActivistscamShaurya TimesSocialstrike against lawtrendingUlhasnagarUlhasnagar Breaking NewsUlhasnagar CrimeUlhasnagar Crime CityUnder DCP Zone-4

उल्हासनगर में “Win Game” के नाम पर अवैध ऑनलाइन जुए का अड्डा: नाबालिग बच्चे तक चपेट में, कानून खामोश — कौन है इस गोरखधंधे का रक्षक?

उल्हासनगर  : नीतू विश्वकर्मा

उल्हासनगर शहर में “Win Game” के नाम पर चल रहे एक कथित स्किल गेम ने आज पूरे समाज की नींव को हिला दिया है। असल में यह एक सुनियोजित ऑनलाइन लॉटरी और जुए का जाल है, जो हर 10-15 मिनट में नंबर खोलकर युवाओं को फांसता है।

जहां सरकार बेरोजगारी और युवाओं के भविष्य की चिंता जताती है, वहीं उल्हासनगर में कानून की नाक के नीचे यह जुआ घर फल-फूल रहा है, और पुलिस कागज़ी लीगल दस्तावेजों की आड़ में इसे वैध ठहराने का प्रयास कर रही है।

प्रशासन की चुप्पी – मिलीभगत या मजबूरी?

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस अवैध कारोबार को “GST नंबर” और “गजट” का हवाला देकर वैध बताया जा रहा है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि न कोई रजिस्ट्रेशन डिस्प्ले है, न कोई सरकारी मंजूरी बोर्ड, और न ही किसी प्रकार का नियम-कायदा।

यह भी सामने आया है कि कई बार यहां 13 से 15 वर्ष तक के नाबालिग बच्चों को भी यह जुआ खेलते हुए देखा गया है। ऐसे में सवाल उठता है –
पुलिस किस आधार पर इसे वैध मान रही है?
क्या किसी भी तरह की आयु सीमा की जांच होती है?
क्या कोई कोड ऑफ कंडक्ट, लाइसेंसिंग, या निगरानी तंत्र मौजूद है?

⚠️ यह स्किल गेम नहीं, सामाजिक तबाही का ब्लू-प्रिंट है!

“Win Game” संचालकों का दावा है कि यह एक स्किल गेम है — लेकिन अगर यह एक स्किल गेम है, तो वहां उस स्किल का प्रदर्शन कहां है?

वहाँ सिर्फ एक लॉटरी टिकट की तरह नंबर निकाले जाते हैं,
कोई गेमिंग इंटरफेस या प्रतियोगिता नहीं,
केवल 15 मिनट बाद रिजल्ट — जीत या हार,

यह साफ तौर पर एक जुए का खेल है, ना कि स्किल गेम। अगर सरकारी डेमो कुछ और है, तो ग्राउंड पर हकीकत कुछ और क्यों?

जनता का फूटता आक्रोश – “अब जवाब चाहिए, कार्रवाई नहीं तो आंदोलन”

जागरूक नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आवाज उठाई है:
“जब सरकार ही आंखें मूंदे बैठी है, तो युवाओं को बचाएगा कौन?”
“क्या यह प्रशासनिक चुप्पी किसी राजनीतिक संरक्षण का नतीजा है?”
“क्या युवा पीढ़ी को जुए  की तरफ धकेलने की साजिश चल रही है?”

यह सिर्फ नियमों का उल्लंघन नहीं, यह भविष्य की विनाश है।

हर रोज सैकड़ों युवा इन दुकानों पर जाकर टिकट निकालते हैं, अपनी कमाई गंवाते हैं, और मानसिक व आर्थिक रूप से बर्बाद होते जा रहे हैं।
यह खेल नहीं, यह विनाश का तंत्र है।

और सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जो पुलिस इसे रोक सकती है, वही इसे “दस्तावेज़ी वैधता” का नाम देकर चुप बैठी है।

क्या करेंगे नेता? क्या जागेगा प्रशासन? या सब कुछ लूटकर चुप रहेंगे?

कौन हैं इस गोरखधंधे के संरक्षक?
कौन दे रहा है इन दुकानों को संरक्षण?
क्या प्रशासन की चुप्पी सिर्फ डर है या सौदा?
और सबसे जरूरी – क्या कोई जनप्रतिनिधि इस मसले को सदन में उठाने का साहस दिखाएगा?

⛔ जनता को अब जवाब नहीं, एक्शन चाहिए — कड़ी, त्वरित और निर्णायक कार्रवाई!

अगर अब भी शासन नहीं चेता, तो यह खेल नहीं, उल्हासनगर का भविष्य जलकर राख हो जाएगा।

Shaurya Times

🛡️ Shaurya Time’s – Your Voice, Our Questions! A fearless digital news platform focused on public safety, justice, and accountability. We expose: ✅ Ground realities ✅ RTI & official documents ✅ Civic failures & scams ✅ Crime, corruption & cover-ups Bold journalism. Real issues. No compromise. Because awareness is the first step to change. 📢 Shaurya Time’s – Reporting the truth, without fear!

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

कंटेंट चुराना पाप है। चुराने की बजाय खुद कंटेंट लिखें।
- नीतू विश्वकर्मा

Verified by MonsterInsights