उल्हासनगर पुलिस विभाग में नियमों की अनदेखी?
तीन साल से अधिक समय से हिललाइन पुलिस स्टेशन में जमे अनिल जगताप का तबादला क्यों नहीं?

उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा
महाराष्ट्र सरकार और गृह विभाग के स्पष्ट नियम हैं कि कोई भी पुलिस अधिकारी तीन वर्ष से अधिक एक ही स्थान पर कार्यरत नहीं रह सकता। यह नियम पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है। लेकिन उल्हासनगर स्थित हिललाइन पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पी.आई. अनिल जगताप इन नियमों को चुनौती देते दिखाई दे रहे हैं।
अनिल जगताप को इस स्थान पर 3 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। इसके बावजूद, उनका स्थानांतरण नहीं किया गया है, जिससे न केवल प्रशासनिक सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि जनता में रोष भी पनप रहा है।
🔥 पुलिस स्टेशन में फायरिंग जैसा ‘भारत का पहला मामला’ — तब भी नहीं हिली कुर्सी!
गौरतलब है कि जगताप के कार्यकाल के दौरान विधायक द्वारा हिल लाइन पुलिस स्टेशन में देश की पहली बड़ी फायरिंग की घटना हुई थी, जिसने उल्हासनगर को राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया था। ऐसी गंभीर घटना के बावजूद संबंधित अधिकारी को न हटाना, कहीं न कहीं प्रशासनिक ढिलाई या राजनीतिक संरक्षण की ओर इशारा करता है।
🧾 अंदर से उभरती आवाजें — आवेदन धरे के धरे
स्थानीय लोगों और पुलिस विभाग के भीतर से भी जानकारी मिली है कि कई आवेदन, शिकायतें और निवेदन दिए जा चुके हैं, जिनमें स्टेशन परिसर में चल रही संदिग्ध गतिविधियों (सरस जैसे) और अनियमितताओं की बात कही गई है। फिर भी इन पर न कोई कार्रवाई हुई और न ही जिम्मेदार अधिकारी का तबादला।
❓ आखिर कौन सी “मलाई” या “चॉकलेट” ने बचा रखा है तबादले से?
शहर में चर्चा है —
क्या अनिल जगताप के पास ऐसा कौन सा राजनीतिक या प्रशासनिक समर्थन है, जो नियमों को भी दरकिनार करवा रहा है?
क्या उनके कार्यकाल में कुछ ऐसे लाभकारी समीकरण बन गए हैं, जो उन्हें उस कुर्सी से हटने नहीं दे रहे?
अगर यही रवैया चलता रहा तो फिर तीन साल की सीमा सिर्फ कागजों तक सीमित क्यों?
⚖️ प्रशासन और गृह विभाग से सीधा सवाल:
जब नियम साफ कहते हैं कि तीन साल बाद तबादला जरूरी है, तो उल्हासनगर में ये नियम क्यों निष्क्रिय हैं?
क्या महाराष्ट्र सरकार और गृह मंत्रालय ऐसे मामलों पर सुनियोजित चुप्पी साधे बैठे हैं?
📣 जनता की एकजुट मांग:
अब स्थानीय जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन और जागरूक नागरिक मांग कर रहे हैं कि:
सीनियर पी.आई. अनिल जगताप का तत्काल तबादला किया जाए।
पुलिस विभाग में स्थानांतरण नियमों का सख्ती से पालन हो।
पुलिस स्टेशनों को स्थानीय गठजोड़ और व्यक्तिगत प्रभावों से मुक्त किया जाए।
📌 यह सवाल किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं, बल्कि एक मजबूत और जवाबदेह प्रशासन की बुनियाद को लेकर है।
अगर कानून सब पर बराबरी से लागू नहीं हुआ, तो व्यवस्था पर लोगों का भरोसा डगमगा जाएगा।