*नए कानून के बावजूद फिर से शुरू होना जा रहा है, उल्हासनगर में अवैध ऑनलाइन लॉटरी गेमिंग।*

शौर्य टाईम्स की विशेष रिपोर्ट:–
उल्हासनगर प्रतिनिधि : नीतू विश्वकर्मा
महाराष्ट्र के उल्हासनगर और इसके आसपास के क्षेत्रों में अवैध ऑनलाइन लॉटरी गेमिंग का धंधा एक बार फिर जोर पकड़ने की कगार पर है। सूत्रों के अनुसार, मुंबई के दो प्रमुख उद्योगपतियों और उल्हासनगर के एक कांग्रेस से जुड़े प्रभावशाली उद्योगपति ने कथित तौर पर लॉटरी माफिया के साथ सांठगांठ कर 4 सितंबर 2025 से ‘राजश्री’ नामक अवैध ऑनलाइन लॉटरी को पुनर्जन्म देने की पूरी तैयारी कर ली है। यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है, जब केंद्र सरकार ने हाल ही में ‘प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट, 2025’ लागू किया है, जो 22 अगस्त 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद प्रभावी हो चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह धंधा न केवल कानून की खुली अवहेलना है, बल्कि बड़े पैमाने पर राजनीतिक संरक्षण और वित्तीय सांठगांठ की साजिश को भी उजागर करता है।
उल्हासनगर लंबे समय से अवैध लॉटरी का गढ़ रहा है। पहले ‘विन गेम’ नामक ऑनलाइन गेमिंग के जरिए यहां लाखों रुपये का अवैध कारोबार फला-फूला, जिसका पर्दाफाश स्थानीय समाचार पत्र ‘शौर्य टाइम्स’ की संपादिका नीतू विश्वकर्मा ने किया था। उनकी निर्भीक मुहिम के कारण उन पर 1 करोड़ रुपये का मानहानि दावा ठोका गया, फिर भी ‘शौर्य टाइम्स’ ने हार नहीं मानी और इस काले कारोबार को बेनकाब किया। अब ‘राजश्री’ के नाम पर एक बार फिर डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए आम जनता से करोड़ों रुपये ऐंठने की साजिश रची जा रही है। सूत्रों का दावा है कि यह कारोबार छोटी रकम के लालच में बड़े पुरस्कारों का झांसा देकर संचालित होगा, जो ज्यादातर मामलों में धोखाधड़ी में बदल जाता है।
केंद्र सरकार के नए कानून ने ऑनलाइन मनी गेमिंग, जिसमें ऑनलाइन लॉटरी भी शामिल है, पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। एक्ट की धारा 5 के तहत कोई भी व्यक्ति या संस्था मनी गेमिंग सेवाएं प्रदान करने, सहायता करने या प्रेरित करने में शामिल नहीं हो सकती। उल्लंघन करने पर 3 वर्ष तक की कैद, 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। धारा 6 के तहत मनी गेमिंग के विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध है, जिसके उल्लंघन पर 2 वर्ष तक की कैद और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। धारा 7 वित्तीय लेन-देन को सुविधा देने वालों पर 3 वर्ष तक की कैद और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाती है। दोहराए गए अपराधों के लिए सजा और कठोर है, जिसमें न्यूनतम 3 वर्ष (अधिकतम 5 वर्ष) की कैद और 1 से 2 करोड़ रुपये का जुर्माना शामिल है।
हैरानी की बात है कि पहले भी ‘राजश्री’ को कथित तौर पर ‘वैध’ बताकर जीएसटी में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई थी। अब उसी नाम के तहत यह अवैध धंधा फिर से शुरू होने जा रहा है। यह सवाल उठता है कि जब केंद्र सरकार का नया कानून 22 अगस्त 2025 से लागू हो चुका है, तब भी उल्हासनगर जैसे क्षेत्रों में लॉटरी माफिया इतना बेखौफ कैसे है? क्या ये उद्योगपति और राजनीतिक संरक्षक कानून से ऊपर हैं, या फिर बड़े स्तर पर सेटिंग और संरक्षण का खेल पहले से तय हो चुका है? जीएसटी विभाग की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। जब यह कारोबार पूरी तरह अवैध है, तो ‘फेयर जीएसटी’ का दावा कैसे लागू हो सकता है? क्या सरकारी मशीनरी की आंखों के सामने यह धंधा फिर से खुलेआम फलेगा-फूलेगा?
नए कानून के तहत ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी की स्थापना की गई है, जो गेम्स को मनी गेम या सोशल गेम में वर्गीकृत करेगी। सोशल गेम्स, जैसे शिक्षा और कौशल विकास के लिए गेम्स, को बढ़ावा दिया जाएगा, लेकिन मनी गेमिंग पर कोई रियायत नहीं है। शिकायत निवारण तंत्र भी मजबूत है, जिसके तहत उपयोगकर्ताओं के हितों के खिलाफ गेम्स पर कार्रवाई हो सकती है। कंपनियों पर सख्ती है—अपराध होने पर जिम्मेदार व्यक्ति, निदेशक या प्रबंधक को सजा होगी, सिवाय स्वतंत्र निदेशकों के। गैर-अनुपालन पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना, रजिस्ट्रेशन रद्दीकरण या गेम प्रदान करने पर रोक लग सकती है।
4 सितंबर से शुरू होने वाले इस कथित अवैध कारोबार ने उल्हासनगर और आसपास के क्षेत्रों में आम नागरिकों, जागरूक संगठनों और प्रशासन में चिंता की लहर पैदा कर दी है। विशेषज्ञों ने पुलिस और साइबर सेल से तत्काल कार्रवाई की मांग की है, ताकि यह धंधा शुरू होने से पहले रोका जा सके। यदि यह कारोबार फलता-फूलता है, तो यह न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि जुआ की लत, आत्महत्या और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी सामाजिक बुराइयों को भी बढ़ावा देगा। केंद्र सरकार के नए कानून की भावना को लागू करने के लिए स्थानीय स्तर पर कड़ी निगरानी और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है। यदि यह धंधा बेरोकटोक चला, तो यह कानूनी व्यवस्था और प्रशासनिक विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर देगा।
शौर्य टाईम्स
आपको आगे की जानकारी देता रहेगा।