विठ्ठलवाडी स्टेशन के पास सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा — पूरे प्रकरण के पीछे मनपा का भ्रष्ट अधिकारी गणेश शिंपी!

उल्हासनगर प्रतिनिधि : नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर (भाग–4) के विठ्ठलवाडी रेलवे स्टेशन से सटी महाराष्ट्र शासन की मालकी वाली सरकारी ज़मीन पर स्थित पुराना “जकात नाका” अब बड़े पैमाने पर अवैध कब्ज़े की चपेट में है। यह जकात नाका पिछले 30 वर्षों से उल्हासनगर महानगरपालिका की देखरेख में था, लेकिन अब इसे राजकीय संरक्षण और मनपा के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से आर.सी.सी. निर्माण कर हड़प लिया गया है।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि लंबे समय से बंद पड़े इस जकात नाके पर हाल ही में राज उर्फ राजू नामक व्यक्ति ने मनपा अधिकारियों की मदद से अवैध निर्माण शुरू किया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह निर्माण शिंदे गुट के पूर्व नगरसेवक की शाखा के ठीक सामने हुआ, फिर भी किसी राजनीतिक दल या अधिकारी ने इसका विरोध नहीं किया। इस कारण स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों में भारी आक्रोश फैल गया है।
और हैरानी की बात यह है कि —
हड़प की गई इस सरकारी ज़मीन पर नवरात्र उत्सव का आयोजन कर अवैध निर्माण को धार्मिक आड़ देने की कोशिश की गई!
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि देवी–देवताओं के नाम पर की जा रही ऐसी गैरकानूनी हरकतें धार्मिक भावनाओं का अपमान हैं और ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड — गणेश शिंपी!
सूत्रों के अनुसार, इस पूरे अवैध कब्ज़े के पीछे उल्हासनगर महानगरपालिका के अतिक्रमण विभाग (1/5 विभाग) के तत्कालीन उपायुक्त गणेश शिंपी का हाथ है।
गणेश शिंपी पर पहले से ही भ्रष्टाचार, मिलीभगत और अवैध बांधकामों को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं। इस मामले में भी वही सूत्रधार होने के स्पष्ट प्रमाण सामने आए हैं।
दरअसल, गणेश शिंपी के कार्यकाल में ही यह सरकारी जमीन धीरे–धीरे “निजी निर्माण” के रूप में बदल दी गई।
मनपा के भीतर से मिली गोपनीय जानकारी के अनुसार, शिंपी ने अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए इस जगह को बचाने के बजाय अवैध कब्ज़ाधारकों को खुली छूट दी।
जनता के दबाव और मीडिया में लगातार बढ़ती चर्चा के बाद
आयुक्त मनीषा आवळे ने गणेश शिंपी को उनके पद से हटा दिया, और उनकी जगह कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी श्री. धीरज चव्हाण को 1/5 विभाग का नया नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
🧾 सामाजिक संगठन का हस्तक्षेप
उल्हासनगर के नागरिकों की ओर से कार्यरत सामाजिक संस्था “कायद्याने वागा लोकचळवळ” ने भी इस घोटाले पर कड़ा रुख अपनाया है।
संस्था के पदाधिकारियों ने मनपा आयुक्त से मांग की है कि गणेश शिंपी जैसे भ्रष्ट अधिकारियों पर निलंबन के साथ गंभीर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए, ताकि ऐसे अधिकारी जनता के धन और संपत्ति का दुरुपयोग न कर सकें।
⚖️ कार्रवाई के संकेत
सूत्रों के अनुसार, इस जकात नाका हड़प प्रकरण में अब उपविभागीय दंडाधिकारी (प्रांत कार्यालय) और तहसील कार्यालय द्वारा बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इस अवैध निर्माण को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू होगी और दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
🗣️ स्थानीय नागरिकों की मांग
हड़पी गई सरकारी ज़मीन तुरंत मुक्त कराई जाए।
दोषी अधिकारी गणेश शिंपी और उनके साथियों पर एफआईआर दर्ज की जाए।
और इस ज़मीन पर स्थायी पुलिस चौकी की स्थापना की जाए, जिसकी मांग स्थानीय व्यापारी वर्षों से कर रहे हैं।
जनभावना
> “अगर देवी–देवताओं के नाम पर भी अवैध कब्ज़ा किया जा रहा है,
तो हिंदुत्व का नारा लगाने वालों की संवेदनाएं आखिर कहाँ हैं?”







