2023 के शेष बाढ़ पीड़ितों के लिए आर्थिक सहायता कोष की मांग

उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर शहर में 2023 में वालधुनी नदी में आई बाढ़ के कारण नदी के किनारे बसे नागरिकों के घर बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त हो गए थे. उस वक्त सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी थी. लेकिन उल्हासनगर तहसीलदार कार्यालय की मनमानी और लापरवाही के कारण कुछ बाढ़ पीड़ितों को अभी तक सरकारी आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई है. पूर्व राकांपा नगरसेविका सविता तोरणे रगड़े ने मांग की है कि बाकी बाढ़ पीड़ितों को तुरंत राहत राशि रुपये जमा करानी चाहिए।
2023 में, उल्हासनगर शहर में वालधुनी नदी में बाढ़ आ गई। तब बाढ़ का पानी नदी के किनारे बसे नागरिकों के घरों में घुस गया और काफी आर्थिक क्षति हुई,सम्राट अशोक नगर, रेणुका सोसायटी, वडोल गांव, आशीर्वाद सोसायटी, संजय गांधी नगर, अयोध्या नगर आदि शहरी इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. तब सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों का सर्वे कराकर प्रत्येक नागरिक के खाते में आर्थिक सहायता के रूप में 10 हजार रुपये जमा किये गये थे. लेकिन, इस पैसे की वसूली में तहसीलदार कार्यालय के माध्यम से बड़ी मात्रा में मनमानी की गयी. इसके चलते उल्हासनगर शहर के कुछ बाढ़ पीड़ितों के खाते में राहत राशि जमा नहीं हो सकी है. ठाणे कलेक्टर अशोक शिंगारे को दिए एक बयान में, एनसीपी के पैनल 12 की नगरसेविका सविता तोरणे रगड़े ने मांग की है कि सरकार को उल्हासनगर शहर के शेष बाढ़ पीड़ितों के खातों में तुरंत उनकी वित्तीय धनराशि जमा करनी चाहिए। राकांपा के शहर प्रवक्ता शिवाजी रगड़े ने जल्द से जल्द यह निधि नहीं दिये जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।