वायु और जल प्रदूषण पर पुनः लक्षवेधी की आवश्यकता।
उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
अंबरनाथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 148 और वालधुनी नदी प्रदूषण के मुद्दे पर विधानसभा में ११ दिसम्बर २०२३ को लक्षवेधी ली गयी थी। अंबरनाथ शहर के साथ-साथ उल्हासनगर, कल्याण शहरों से होकर गुजरने वाली वालधुनी नदी का प्रदूषण पिछले कुछ वर्षों में बढ़ गया है। यह शहरों से शहरी सीवेज के साथ मिश्रित रसायनों के नदी में गिरने का परिणाम है। नदी प्रदूषण की तीव्रता को बढ़ाने में औद्योगिक संपदाएँ प्रमुख भूमिका निभाती हैं। बदलापुर और अंबरनाथ शहरों से बड़ी मात्रा में औद्योगिक अपशिष्ट जल इन नदियों में मिलाया जा रहा है। यह भी सामने आया है कि रासायनिक अपशिष्ट जल के मिश्रण के कारण नदियों का रंग अक्सर बदल गया है।
वालधुनी के प्रदूषण में मोरीवली और वडोल औद्योगिक एस्टेट प्रमुख योगदानकर्ता हैं। इस नदी में अक्सर रासायनिक टैंकरों का उपयोग किया जाता है। इससे आसपास के नागरिकों को भीषण दुर्गंध और अन्य शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
पर्यावरणविद इस मामले को महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संज्ञान में लाते हैं। उस समय महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी निरीक्षण करते हैं, नमूने एकत्र करते हैं, बंद करने के नोटिस जारी करते हैं, लेकिन कारखाने फिर से शुरू हो जाते हैं।
इसीलिये अंबरनाथ विधानसभा क्षेत्र के विधायक बालाजी किणीकर द्वारा प्रदूषण के मद्देनज़र विधानसभा में लक्षवेधी सुचना द्वारा सरकार का ध्यानाकर्षण किया है।
आगामी १० जुन को हो रहे अधिवेशन में वायु और जल प्रदूषण पर पुनः लक्षवेधी की आवश्यकता है।