उल्हासनगर में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक के सुशोभीकरण में गड़बड़ी, ठेकेदार पर घटिया कार्य का आरोप।
उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर-4 के सुभाष टेकडी स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर चौक में पुतले के सुशोभीकरण के लिए स्थानीय विधायक बालाजी किणीकर द्वारा 1 करोड़ की निधि मंजूर की गई थी, और यह कार्य महापालिका द्वारा ठेकेदार को सौंपा गया। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर पुतला स्मारक समिती ने एक उत्कृष्ट डिज़ाइन तैयार कर समाज के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसे सभी वर्गों ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी। इसके बाद पुराने पुतले को हटाकर नए पुतले की स्थापना की प्रक्रिया शुरू हुई।
हालांकि, ठेकेदार पर डिज़ाइन के अनुरूप कार्य न करने और निम्न गुणवत्ता वाले काम करने का आरोप लगाया गया। प्रारंभ में सार्वजनिक शौचालयों पर उपयोग की जाने वाली टाइल्स लगाई गईं, जिससे समाज के लोगों ने विरोध किया। इस विरोध के बाद टाइल्स हटाई गईं, जिससे कार्य में देरी भी हुई।
समाज के लोगों के अनुसार, काम अब भी अधूरा और घटिया स्तर का है। ठेकेदार द्वारा किए गए इस घटिया कार्य के विरोध में, समाज के लोगों ने ठेकेदार को काम सुधारने के लिए दबाव बनाया। इसके बावजूद ठेकेदार के कुछ दलालों ने रात के अंधेरे में बिना किसी सूचना के चोरी-छिपे पुतला स्थापित कर दिया।
अधिवक्ता कल्पेश माने ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ठेकेदार और उसके दलाल समाज के साथ धोखा कर रहे हैं और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर चौक का सुशोभीकरण करने के नाम पर उसका विद्रूपकरण कर रहे हैं।