गंभीर आरोपों के बावजूद पद पर कायम — UMC के कार्यकारी अभियंता संदीप जाधव पर ACB जांच अंतिम चरण में, 8 अचल व कई बेनामी संपत्तियों का खुलासा।

उल्हासनगर प्रतिनिधि — नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर महानगर पालिका (यूएमसी) के सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता संदीप जाधव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की जांच लाचलुचपत प्रतिबंधक विभाग (Anti-Corruption Bureau – ACB) ने अंतिम चरण में पहुँचा दी है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, लंबी और विस्तृत जांच के बाद एसीबी ने जाधव की संदिग्ध संपत्तियों की सूची तैयार की है, जिसमें 8 अचल संपत्तियां (भूमि, मकान, प्लॉट आदि) और कई बेनामी संपत्तियां शामिल हैं।
जांच अधिकारियों का मानना है कि ये संपत्तियां उनकी वैध आय के अनुपात में असामान्य रूप से अधिक हैं, जिससे कथित अवैध आय और पद के दुरुपयोग की आशंका और गहरी हो गई है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि—जांच लंबित रहने और गंभीर आरोपों के बावजूद संदीप जाधव आज भी उसी पद पर कार्यरत हैं, जहाँ से कथित रूप से भ्रष्टाचार हुआ था। यह स्थिति प्रशासनिक निष्क्रियता और प्रभावशाली संरक्षण पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
इस मामले की शुरुआत प्रहार जनशक्ति पार्टी के स्थानीय नेतृत्व की सक्रिय पहल से हुई थी। पार्टी की ओर से अधिवक्ता स्वप्निल पाटिल ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर एसीबी ने प्रारंभिक छानबीन के बाद जांच शुरू की। अब, एकत्र किए गए दस्तावेज़ और साक्ष्य इस मामले को मजबूत बना रहे हैं।
शहर में इस बात को लेकर गहरा रोष है कि नगर पालिका के एक उच्च पदस्थ अधिकारी के खिलाफ गंभीर जांच होने के बावजूद न तो निलंबन हुआ और न ही किसी प्रकार की प्रशासनिक कार्यवाही। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि भ्रष्टाचार-मुक्त प्रशासन की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह संदेश जाएगा कि प्रभावशाली लोग कानून से ऊपर हैं।
अब पूरे शहर की निगाहें इस पर टिकी हैं कि—क्या एसीबी की अंतिम रिपोर्ट के बाद प्रशासन कठोर कार्रवाई करेगा, या यह मामला भी अन्य कई मामलों की तरह धूल फांकता रहेगा।