उल्हासनगर के कैंप क्रमांक 4 और 5 में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई – श्मशान भूमि तक नहीं छोड़ी गई।




उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर कैंप क्रमांक 4 और 5 में हाल ही में बड़े पैमाने पर पेड़ों की अवैध कटाई की गई है। यह कटाई श्मशान भूमि जैसे संवेदनशील स्थानों पर भी की गई है, जो न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अत्यंत गंभीर मामला है, बल्कि सामाजिक और धार्मिक भावनाओं को भी आहत करने वाला है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पेड़ों की कटाई का कारण लकड़ी स्टोरेज हेतु गोदाम निर्माण बताया जा रहा है। परंतु क्षेत्र में किसी भी गोदाम की आवश्यकता नहीं है, और यह निर्माण पूरी तरह से अवैध तरीके से किया जा रहा है।
इस अवैध कटाई से स्थानीय नागरिकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, साथ ही मूक जानवरों और पक्षियों का भी जीवन संकट में डाल दिया गया है। यह घटना भारतीय वन अधिनियम 1927 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत गंभीर अपराध की श्रेणी में आती है।
प्रश्न उठता है कि क्या उल्हासनगर महानगरपालिका को इस संदर्भ में कोई जानकारी है? यदि है, तो अब तक क्या ठोस कार्रवाई की गई है? और यदि नहीं, तो किसकी मिलीभगत से यह अवैध कार्य किया जा रहा है?
स्थानीय नागरिकों की ओर से प्रशासन और संबंधित पर्यावरण विभाग से निवेदन किया गया है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए, दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो और पर्यावरण संतुलन को बिगाड़ने वाले ऐसे कृत्यों पर रोक लगाई जाए।