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आखिर क्या हैं “ईगल इन्फ्रा इंडिया लिमिटेड” के 400 करोड़ घोटाले की काली सच्चाई?

उल्हासनगर प्रतिनिधि : नीतू विश्वकर्मा

उल्हासनगर में 400 करोड़ की ड्रेनेज योजना में भारी अनियमितता! नागरिकों ने ‘ईगल इन्फ्रा इंडिया लिमिटेड’ को ब्लैकलिस्ट करने की उठाई मांग।


– अमृत 2.0 योजना के तहत हो रहे कार्यों में भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप, स्थानीय प्रशासन पर भी सवाल

उल्हासनगर, महाराष्ट्र – केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित अमृत 2.0 योजना के तहत उल्हासनगर शहर में 400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से मलनिःसारण (ड्रेनेज) योजना का कार्य जारी है। यह काम ठेकेदार कंपनी “ईगल इन्फ्रा इंडिया लिमिटेड” को 2023 में सौंपा गया था, लेकिन अब इस परियोजना में गंभीर अनियमितताएं और कार्यशैली में लापरवाही उजागर हुई है।

ठेके में गड़बड़झाला: बिना योजना के खुदाई, घटिया सामग्री और धीमा कार्य

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के अनुसार, शहरभर में बिना किसी समुचित योजना या दीर्घकालिक दृष्टिकोण के सड़कों की खुदाई की गई है। ड्रेनेज पाइपलाइन बिछाने का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है, जिससे नागरिकों को भारी परेशानी हो रही है। काम की गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

सड़कें बनीं हादसों का जाल, नागरिकों का जीवन अस्त-व्यस्त

खोदी गई सड़कों की मरम्मत न होने से वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों सहित आम राहगीरों को बार-बार दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। कई हादसों की शिकायतें महानगरपालिका और स्थानीय पुलिस प्रशासन के पास दर्ज की जा चुकी हैं। सोशल मीडिया पर भी पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता इन समस्याओं को लगातार उजागर कर रहे हैं।

व्यापार पर भी पड़ा असर, उल्हासनगर से दूर हो रही हैं कंपनियां

ओला और अन्य टैक्सी सेवाएं उल्हासनगर में प्रवेश करने से कतरा रही हैं, वहीं अन्य शहरों के खरीदार भी व्यापारिक दृष्टिकोण से इस शहर से दूरी बना रहे हैं। नतीजन, शहर के व्यापारियों का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है और सामान्य नागरिकों का जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।

ठेकेदार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल, प्रशासन की चुप्पी संदिग्ध

शहरवासियों का आरोप है कि ठेकेदार मनमाने ढंग से काम कर रहा है और महानगरपालिका के अधिकारी पूरी तरह से निष्क्रिय नजर आ रहे हैं। कार्य में घटिया सामग्री का प्रयोग, निर्दिष्ट मानकों की अनदेखी, और मूलभूत निरीक्षणों की कमी इस बात को दर्शाते हैं कि यह प्रोजेक्ट जनता की भलाई से अधिक लाभ कमाने की नीयत से किया जा रहा है।

क्या फिर से बढ़ेगा ठेकेदार का कार्यकाल? – नागरिकों ने जताई आशंका

इस ठेके की अवधि सितंबर 2025 तक है, परंतु नागरिकों को संदेह है कि कार्य की धीमी गति के कारण यह ठेकेदार कार्यकाल और बजट बढ़ाने का प्रयास करेगा, साथ ही कुछ राजनीतिक हस्तियों से सिफारिश करवाकर काम को बनाए रखने की कोशिश भी कर सकता है।

नागरिकों की मांग – ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जाए, निष्पक्ष जांच हो

सामाजिक कार्यकर्ताओं और जागरूक नागरिकों ने मांग की है कि:

“ईगल इन्फ्रा इंडिया लिमिटेड” को तुरंत ब्लैकलिस्ट किया जाए।

इस पूरे प्रोजेक्ट की उच्चस्तरीय, निष्पक्ष और तकनीकी जांच की जाए।

प्रशासन से जुड़े लापरवाह अधिकारियों पर शिस्तभंग की कार्रवाई हो।

यह प्रोजेक्ट किसी योग्य, पारदर्शी और सक्षम ठेकेदार को सौंपा जाए ताकि शहर का भविष्य उज्ज्वल हो सके।


निष्कर्ष

400 करोड़ रुपये की सार्वजनिक निधि से चल रहे कार्य में यदि इस प्रकार की अनियमितताएं पाई जाती हैं तो यह केवल एक निर्माण परियोजना की विफलता नहीं, बल्कि जनहित के साथ धोखा है। अब समय आ गया है कि प्रशासन सख्त कार्रवाई करते हुए ठेकेदार को उत्तरदायी ठहराए, अन्यथा उल्हासनगर के नागरिकों का भरोसा पूरी व्यवस्था से उठ जाएगा।

Shaurya Times

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