रक्तदान के महान कार्य से रिकॉर्ड रक्तदाताओं को “रक्तकर्ण पुरस्कार” से सम्मानित करते हुए आतिशबाजी के साथ नए साल का स्वागत।





कल्याण : नीतू विश्वकर्मा
महाराष्ट्र के रक्तानंद ग्रुप द्वारा धर्मवीर आनंद दिघे साहब की प्रेरणा से अंग्रेजी नववर्ष का स्वागत मध्यरात्रि में रक्तदान के जरिए किया गया। इस अवसर पर 100 से अधिक रक्तदाताओं ने हिस्सा लिया। राज्य स्तरीय “रक्तकर्ण पुरस्कार” इस वर्ष डॉ. प्रकाश माळी को उनके 30 बार रक्तदान करने के लिए प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में धर्मवीर आनंद दिघे साहब के भतीजे एवं ठाणे जिला प्रमुख केदार दिघे, जिला प्रमुख धनंजय बोडरे, वरिष्ठ शिवसैनिक बाल हरदास, पूर्व महापौर रमेश जाधव, उपजिला प्रमुख तात्या माने और विजय देसाई, पूर्व नगरसेवक महेश गायकवाड़, हर्षवर्धन पलांडे, पुरुषोत्तम चव्हाण, अशोक म्हात्रे, हेमंत चौधरी, किरण निचल, उपशहर संघटिका सुनीता ढोले सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस मौके पर केदार दिघे ने कहा कि धर्मवीर आनंद दिघे साहब का कार्य आज भी नई ऊर्जा और प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा, “मैं पूरे जिले में जब घूमता हूं, तो जनता आज भी उनके कार्यों की याद में भावुक हो जाती है। अगले साल ठाणे जिले में 30वां रक्तदान महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा, “अगर कोई किसी का जीवन बचाता है तो सरकार उसे शौर्य पदक देकर सम्मानित करती है, लेकिन रक्तदाताओं के निस्वार्थ सेवा से अनगिनत जरूरतमंद मरीजों की जान बचाई जाती है। ऐसे रक्तदाताओं को भी उचित सम्मान मिलना चाहिए।”
कार्यक्रम में महेश गायकवाड़ ने अपनी उपस्थिति से सभी का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा, “अगर दिघे साहब आज होते तो मैं विधायक बन चुका होता। लेकिन यह मंच उनके आदर्शों और शिक्षाओं से प्रेरित है। 29 वर्षों से रक्तदान का यह पुनीत कार्य करना असंभव था, लेकिन रक्तानंद ग्रुप के संयोजक नारायण पाटिल और उनके नेतृत्व में अडवोकेट नीरज कुमार एवं सभी कार्यकर्ताओं ने इसे संभव किया। अगले साल यह महोत्सव सर्वदलीय भागीदारी के साथ मनाया जाएगा।”
मध्यरात्रि के इस शिविर में 300 से अधिक रक्तदाताओं ने स्वेच्छा से रक्तदान किया। नए साल का स्वागत फटाकों की आतिशबाजी से किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संयोजक नारायण पाटिल, जिला समन्वयक अडवोकेट नीरज कुमार, भूपेंद्र अहिरे, शांताराम डिगे, रविंद्र कडणे, अप्पा अतकरे, प्रमोद गायकवाड़, दत्ताराम नार्वेकर, आसिफ शेख, दिनेश साळुंखे और संजय पेंढारे ने अथक प्रयास किया।