5 नगरसेवक,उत्तर भारतीय भवन,30% उत्तर भारतीयों को सरकारी ठेके का काम की डील हुई फेल,डील फेल होते ही संजय गुप्ता ने फिर थामा लिया समाज का हाथ।

उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर १४१ विधानसभा सीट पर आगामी चुनाव के लिए संजय गुप्ता ने अपनी दावेदारी पेश की है। उन्होंने अपने समाज को आगे कर के राजनीति शुरू की है और “शहर को कामगार चाहिए, आमदार नहीं” के नारे के साथ प्रचार भी शुरू कर दिया है।
हालांकि, कुछ दिन पहले संजय गुप्ता ने वर्तमान विधायक कुमार ऐलानी, भाजपा अध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी और पूर्व नगरसेवक प्रशांत पाटिल के साथ मुलाकात की थी और तीन शर्तों पर सहमति व्यक्त की थी, जिनमें शहर में हिंदी भाषी भवन, ५ नगरसेवक और ३०% सरकारी ठेके में उत्तर भारतीयों की हिस्सेदारी शामिल थी। इसके बाद उन्होंने चुनाव न लड़ने का आश्वासन दिया था, लेकिन दो दिन बाद उन्होंने अपना स्टेटमेंट बदल दिया और फिर से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
इससे समाज के लोग असमंजस में हैं कि संजय गुप्ता अपना स्टेटमेंट हर दो दिन में क्यों बदल रहे हैं? समाज वालों को अब यह लगने लगा है कि “जहां भोजा वहां सोजा”।