उल्हासनगर में दिव्यांगजनों की मांगों को लेकर आत्मचिंतन आंदोलन, आयुक्त ने 48 घंटे में समाधान का दिया आश्वासन।


उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर महानगरपालिका प्रांगण मे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती के अवसर पर दिव्यांगजनों द्वारा आत्मचिंतन आंदोलन का आयोजन किया गया। यह आंदोलन 1 अप्रैल 2025 को आयुक्त को सौंपे गए निवेदन के संदर्भ में किया गया था, जिसमें दिव्यांगजनों की समस्याओं तथा टीडीआर घोटाले पर प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर नाराजगी जताई गई थी।
दिव्यांगजनों ने आरोप लगाया कि उन्हें लंबे समय से मानधन नहीं मिला है, जिससे अनेक परिवारों में भोजन तक का संकट खड़ा हो गया है। वहीं दूसरी ओर, शहर में भूमाफिया द्वारा शासकीय जमीनों पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं, लेकिन जब दिव्यांगों के लिए 4×4 की छोटी सी टपरी की मांग की जाती है, तो महानगरपालिका स्थान की अनुपलब्धता का हवाला देकर इंकार कर देती है। जबकि ‘दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016’ के तहत आजीविका हेतु स्टॉल उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
आंदोलन की शुरुआत दिव्यांग प्रतिनिधियों द्वारा डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। आंदोलन की गंभीरता को देखते हुए आयुक्त महोदय स्वयं मौके पर पहुंचे और आंदोलनकारियों से संवाद किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगले 48 घंटों में सभी पात्र दिव्यांगजनों के खातों में मानधन जमा कर दिया जाएगा। साथ ही, वितरण में हुई देरी की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा भी दिया गया।
इसके अलावा, पूर्व आयुक्त अज़ीज़ शेख द्वारा घोषित मुफ्त बस सेवा, स्टॉल वितरण और दिव्यांग साहित्य खरीद में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दों पर 16 अप्रैल 2025 को दोपहर 4 बजे विशेष बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में प्रहार जनशक्ति पार्टी सहित संबंधित पक्षों की उपस्थिति में ठोस निर्णय लिए जाएंगे। बैठक के संबंध में लिखित पत्र भी संगठन को सौंपा गया है।
आयुक्त के आश्वासन के बाद फिलहाल आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है। आंदोलन की आगामी रणनीति 16 अप्रैल की बैठक के बाद तय की जाएगी।
इस आंदोलन में प्रहार जनशक्ति पार्टी, राष्ट्र कल्याण पार्टी के कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में दिव्यांगजन उपस्थित रहे।