उल्हासनगर निवेश घोटाला: जींस व्यापारी से 21 लाख की ठगी – 10 आरोपियों का नेटवर्क सक्रिय, पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप!








उल्हासनगर प्रतिनिधि : नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर में एक बड़ा निवेश घोटाला सामने आया है। स्थानीय जींस निर्माता व्यापारी सुशील श्रीनाथ गुप्ता के साथ ऑनलाइन निवेश के नाम पर 21.08 लाख रुपये की ठगी का गंभीर मामला उजागर हुआ है। इस घोटाले में 10 आरोपियों का गिरोह शामिल बताया जा रहा है, जिसने “ओजस्वी डॉट कॉम” नामक वेबसाइट और मोबाइल ऐप के माध्यम से ऊंचे प्रतिफल का लालच देकर यह ठगी की है।
पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कार्रवाई न होने से अब उन्होंने मीडिया और प्रेस के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई है।
🧾 ठगी का पूरा मामला
अंबरनाथ पूर्व के शिवगंगानगर स्थित ओम सर्वेश्वर अपार्टमेंट के निवासी सुशील श्रीनाथ गुप्ता ने बताया कि वे अपने परिवार सहित उल्हासनगर-5 में जय जनता कॉलोनी के पास जींस निर्माण का व्यवसाय करते हैं। कुछ महीने पहले उनकी पहचान बिट्टू साहू (निवासी: कैलाश कॉलोनी, उल्हासनगर-5) और उसके मौसेरे भाई परवीन जमुना साहू (निवासी: पवई, उल्हासनगर-3) से हुई।
इन दोनों ने उन्हें “ओजस्वी डॉट कॉम” नामक वेबसाइट और ऐप के माध्यम से निवेश करने पर हर महीने 1,00,000 रुपये का निश्चित प्रतिफल देने का लालच दिया। उनके भरोसे पर पीड़ित ने विभिन्न बैंकों—केनरा बैंक, पिरामल स्मॉल फाइनेंस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईडीबीआई बैंक—से कर्ज लेकर कुल 21,08,000 रुपये की राशि निवेश के रूप में दी।
यह राशि तीसरे व्यक्ति अजय राव (निवासी: कुलो कैंप, उल्हासनगर-5) के बैंक खाते में जमा कराई गई, जो अब फरार बताया जा रहा है।
⚠️ पहले महीने से ही टालमटोल और धमकियां
पहले महीने से ही तय प्रतिफल नहीं दिया गया। बार-बार पैसे मांगने पर आरोपियों ने 79,000 रुपये की आंशिक राशि लौटाई और शेष जल्द देने का झूठा आश्वासन दिया। इसके बाद पीड़ित के फोन उठाना बंद कर दिया गया, और जब उन्होंने सीधे मिलने की कोशिश की, तो उन्हें धमकियां मिलने लगीं।
जब सुशील गुप्ता ने हिललाइन पुलिस स्टेशन, उल्हासनगर में शिकायत दर्ज कराई (दिनांक: 1 मई 2025), तब जांच अधिकारी श्री मोरे ने आरोपियों को बुलाकर पूछताछ की। आरोपियों की ओर से बिट्टू साहू ने “एक सप्ताह में पैसे लौटाने” का लिखित आश्वासन दिया—मगर अब तक रकम वापस नहीं की गई।
मानसिक और आर्थिक पीड़ा
गुप्ता के अनुसार, उन्होंने यह पैसा बैंकों से कर्ज लेकर दिया था, जिससे अब उन पर भारी कर्ज और ईएमआई का दबाव है। लगातार धमकियां, पुलिस की उदासीनता और आरोपियों की मनमानी के चलते वे गंभीर मानसिक तनाव में हैं।
उनका कहना है—
“मैंने न्याय की उम्मीद में पुलिस स्टेशन के कई चक्कर लगाए, लेकिन केवल आश्वासन ही मिला। अब आरोपियों और पुलिस के बीच मिलीभगत की बू आने लगी है।”
👥 ठगी में शामिल 10 आरोपी (पीड़ित द्वारा नामित):
- बिट्टू साहू – निवासी: कैलाश कॉलोनी, उल्हासनगर-5
- परवीन साहू – निवासी: पवई, उल्हासनगर-3
- मनोज जैसवार उर्फ कन्हैयालाल – निवासी: अंबरनाथ
- संजय जैसवार – निवासी: अंबरनाथ
- राहुल गुप्ता – निवासी: टिटवाला
- अजय साह – निवासी: पाले रोड, अंबरनाथ (रिलायंस परिसर)
- राजेश गोयल – निवासी: सुरत, गुजरात
- नारायण कुमावत – निवासी: मीरा रोड, ठाणे
- अजय राव – निवासी: कुलो कैंप, उल्हासनगर-5 / प्रयागराज (फरार)
- जगतार सिंह – निवासी: तानाजी नगर, उल्हासनगर-5
🧩 “संगठित ठगी रैकेट” का शक
पीड़ित के अनुसार, यह कोई अलग घटना नहीं है—बल्कि पूरे महाराष्ट्र में सक्रिय निवेश ठग नेटवर्क का हिस्सा है।
उन्होंने बताया कि उनके जैसे कई लोग इस गिरोह से ठगे जा चुके हैं, परंतु धमकियों और पुलिस की निष्क्रियता के डर से कोई सामने आने को तैयार नहीं है।
🚨 पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल
हिललाइन पुलिस स्टेशन द्वारा अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई, जबकि स्पष्ट सबूतों सहित आवेदन दिया गया था।
गुप्ता का आरोप है कि—
“शुरू में पुलिस ने ठगों को बुलाया, लेकिन बाद में उनसे मिलीभगत कर ली। अब आरोपी खुलेआम धमकियां दे रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी है।”
🗣️ उपायुक्त स्तर पर हस्तक्षेप
पीड़ित ने अब उल्हासनगर परिमंडल 4 के पुलिस उपायुक्त को लिखित निवेदन दिया है।
उपायुक्त ने मामले की गंभीरता को देखते हुए “कठोर कार्रवाई का आश्वासन” दिया है।
इस मामले की जांच प्रेस संपादक पत्रकार सेवा संघ, महाराष्ट्र द्वारा स्वतंत्र रूप से भी प्रारंभ की गई है, जिसने कहा है कि यदि पुलिस निष्क्रिय रही तो वे राज्यस्तरीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने की मांग करेंगे।
🧨 संपादकीय दृष्टिकोण
यह मामला केवल एक व्यापारी की ठगी का नहीं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता का भी उदाहरण है।
ऐसे “ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट ऐप घोटाले” तेजी से बढ़ रहे हैं, और पुलिस की ढिलाई से इनका नेटवर्क मजबूत होता जा रहा है।
यदि समय रहते इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो उल्हासनगर, अंबरनाथ और ठाणे क्षेत्र में वित्तीय अपराधों की नई लहर उठ सकती है।



