उल्हासनगर महानगरपालिका के भ्रट अधिकारियों एवं नेताओं का एक और कारनामा….
उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
म्हारल गांव उल्हासनगर महानगरपालिका रिजेंसी अंटीलिया में स्थिति कोविड हास्पिटल से करोड़ों रुपए खर्च कर लगाये गये उपकरण को हास्पिटल से दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। वो भी बिना किसी परमिशन के १६ तारीख शनिवार को शाम आठ बजे के आसपास फिर १८ तारीख को दोपहर को गाड़ी से उपकरण बाहर निकाल कर दूसरी जगह भेजा गया है। सुरक्षा रक्षक से पुछताछ करने पर उसको पता नहीं है बस साहब ने बोला है लेकर जाने दो किसी डाक्टर निखिल ने मंगाया है । बाकी जानकारी नहीं है वहां काम करने वाले कर्मचारियों ने नाम गुप्त रखने के बाद बताया कि हास्पिटल में कुछ काम चालू करना है इसलिए यह सामान शिफ्ट कर रहे हैं लेकिन उनके चेहरे पर डर दिख रहा था । लेकिन जब रिजेंसी एंटीलिया ने करोड़ों रुपए खर्च कर बना कर दिया है और हास्पिटल आज तक चालू नहीं हुआ है तो फिर वापस क्या बनाना है। किसी को पता नहीं है । सुत्रों से मिली जानकारी अनुसार हास्पिटल को एक सबसे भ्रष्ट डाक्टर को दिया गया है जिसके ऊपर कोरोना काल में बहुत गंभीर आरोप लगाये गये थे और उसका संबंध सरकार चला रहे नेताओं और भ्रष्टाचारी अधिकारियों से बहुत गहरा संबंध है जिसका उल्हासनगर शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं और डाक्टरों ने विरोध भी किया था।लेकिन उनके विरोध को दरकिनार करते हुए हास्पिटल एक भ्रष्टाचारी डाक्टर को दिया गया है। इससे पता चलता है कि भ्रष्टाचारी नेताओं एवं अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर आर्थिक लेन-देन करके शहर को भ्रष्टाचारियों का शहर बना दिया है । अब देखने वाली बात यह है इनके ऊपर क्या कार्यवाही होती है अगर कार्यवाही नहीं हुई तो इसके खिलाफ समासेवक दीपक मिश्रा उर्फ जितेंद्र कोर्ट जानें की तैयारी है। क्योंकि लोगों यही नहीं पता कि हास्पिटल किसका है, रिजेंसी एंटीलिया का या नगरपालिका का, रिजेंसी अंटीलिया ने किस शर्त पर बना कर दिया है, नगरपालिका को हस्तांतरित किया है, कि नहीं ये भी सोचने वाली बात है। इसलिए समाजसेवक दीपक मिश्रा उर्फ जितेंद्र का शहर वासियों से निवेदन है कि इसके खिलाफ आवाज उठाना चाहिए और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कुछ करना चाहिए।