कल्याण-उल्हासनगर ऑर्केस्ट्रा बार से ₹30 लाख की वसूली की साजिश — RTI एक्टिविस्ट बना ब्लैकमेलर, DCP, CP और DCM तक के नाम घसीटे!

बार संचालकों में उबाल — वैध लाइसेंस और टैक्स चुकाने के बावजूद बार-बार कार्रवाई, SIT जांच की उठी माँग
कल्याण / उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
कल्याण और उल्हासनगर के वैध रूप से संचालित ऑर्केस्ट्रा बार संचालकों ने पुलिस पर एक कथित ब्लैकमेलिंग रैकेट से मिलीभगत के आरोप लगाते हुए एक उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। संचालकों का आरोप है कि एक कथित RTI कार्यकर्ता द्वारा ₹30 लाख की अवैध वसूली के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक नेतृत्व के नाम का दुरुपयोग किया गया।
🔍 RTI की आड़ में वसूली — ‘संतोष बार’ में हुआ खुलासा
सूत्रों के मुताबिक, RTI एक्टिविस्ट नितिन घोले ने खुद स्वीकार किया कि उसकी शिकायत पर 16 बारों पर कार्रवाई हुई और अब वह इन बारों से ₹30 लाख वसूलने की तैयारी में है। उसका दावा है कि उसके संबंध DCP अतुल झेंडे, CP आशुतोष डुमरे और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे से हैं।
इस कथन का कथित ऑडियो भी बार संचालकों के पास मौजूद है, जो अब जांच का विषय बन सकता है।
📢 वैध लाइसेंस के बावजूद कार्रवाई — “कानूनी व्यवसाय को बनाया गया निशाना”
बार संचालकों का कहना है कि उनके पास सभी कानूनी दस्तावेज हैं — लाइसेंस, जीएसटी पंजीकरण, टैक्स रसीदें — बावजूद इसके उन्हें बार-बार कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है।
> “यह ऑर्केस्ट्रा बार हैं, कोई अश्लील डांस बार नहीं। लेकिन हमें जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है।”
🔺 पुलिस से मिला जवाब — “ऊपर से आदेश है”
जब बार मालिकों ने बार-बार हो रही कार्रवाई का कारण पूछा, तो उन्हें यह कहकर टाल दिया गया कि आदेश “ऊपर से” है।
बार संचालकों का आरोप है कि ‘ऊपर’ का इशारा एक राजनीतिक पिता-पुत्र जोड़ी की ओर है, जिन्होंने चुनावों में इनसे समर्थन लिया और अब प्रशासन के ज़रिए दबाव बना रहे हैं।
😡 बार मालिकों का गुस्सा — “जिन्हें जिताया, वही तबाही मचा रहे हैं”
होटल और बार एसोसिएशन के कई सदस्यों ने नाराज़गी जताते हुए कहा:
> “जिन नेताओं को हमने समर्थन दिया, वही अब कानून और पुलिस को इस्तेमाल करके हमें परेशान करवा रहे हैं।”
> “बिज़नेस ठप हो चुका है, स्टाफ भूखा बैठा है, घर चलाना मुश्किल हो गया है।”
🚨 पुलिस की कार्यशैली पर सवाल — “ग्राहकों के सामने होता है अपमान”
कई बार संचालकों का कहना है कि पुलिस बार में घुसकर ग्राहकों के सामने बुरा बर्ताव करती है:
> “कस्टमर के सामने कह दिया जाता है — ‘बंद कर, चल बाहर!’ हमारी इज्ज़त और धंधा दोनों मिट्टी में मिल गई।”
🛑 बार मालिकों की 4 प्रमुख माँगें:
1. SIT से जांच: RTI के नाम पर हो रही ब्लैकमेलिंग और वसूली की निष्पक्ष SIT जांच हो।
2. राजनीतिक संरक्षण की जांच: जिन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और नेताओं के नाम लिए गए हैं, उनकी भूमिका स्पष्ट हो।
3. पुलिस कार्रवाई का आधार सार्वजनिक हो: किस नियम के तहत कार्रवाई हुई, यह स्पष्ट किया जाए।
4. व्यवसायिक सुरक्षा: वैध रूप से काम कर रहे व्यवसायियों को संरक्षण और सम्मान मिलना चाहिए, न कि अपमान और शोषण।
❓ क्या RTI अब वसूली का नया हथियार बन चुका है?
RTI कानून का उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही था, लेकिन अगर कुछ लोग इसे ब्लैकमेलिंग और पैसे वसूलने का ज़रिया बना रहे हैं, तो यह पूरे लोकतांत्रिक तंत्र के लिए खतरे की घंटी है।
🔚 निष्कर्ष:
यह केवल ऑर्केस्ट्रा बारों की लड़ाई नहीं, यह सवाल है —
प्रशासनिक निष्पक्षता का,
राजनीतिक जवाबदेही का,
और RTI कानून के सही उपयोग का।
सरकार को चाहिए कि वह इस पूरे मामले में तत्काल संज्ञान लेकर SIT गठित करे और दोषियों को सजा दिलाए, ताकि वैध व्यवसायियों की गरिमा और रोज़गार की रक्षा हो सके।