लख जीवन गौशाला रोड पर अवैध निर्माण: शांति भवन जोन में टीजी कंस्ट्रक्शन कर दुकान निर्माण पर उठे सवाल।



उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा
लख जीवन गौशाला रोड (पैनल नंबर 17, उल्हासनगर 5) में शांति भवन जोन के अंतर्गत टीजी कंस्ट्रक्शन कर अवैध दुकान निर्माण का मामला गरमा गया है। यह क्षेत्र पूर्ण रूप से आवासीय घोषित है, जहां व्यावसायिक गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध है। इस अवैध निर्माण ने न केवल स्थानीय नियमों को चुनौती दी है, बल्कि क्षेत्र के निवासियों के आक्रोश को भी जन्म दिया है।
स्थानीय निवासी इस अवैध गतिविधि को लेकर नाराज हैं। उनका कहना है कि यह निर्माण इलाके की शांति, सुरक्षा और पर्यावरण को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। एक निवासी ने बताया, “यहां व्यावसायिक निर्माण की अनुमति नहीं है। यदि इसे रोका नहीं गया, तो यह अन्य अवैध गतिविधियों का रास्ता खोल देगा।”
दो सौ प्रतिशत अवैध निर्माण: अधिकारियों पर कार्रवाई का दबाव
सूत्रों के अनुसार, यह निर्माण कार्य पूरी तरह से अवैध है और इसके लिए किसी भी प्रकार की अनुमति या लाइसेंस नहीं लिया गया है। नियमों का दो सौ प्रतिशत उल्लंघन कर इस निर्माण को शुरू किया गया है। इसके बावजूद, नगर प्रशासन और स्थानीय विकास प्राधिकरण ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे जनता में असंतोष बढ़ रहा है।
जनता ने की सख्त कार्रवाई की मांग
क्षेत्र के जागरूक नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले को प्रशासन के सामने उठाया है। उन्होंने मांग की है कि इस अवैध निर्माण को तुरंत रोका जाए और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
शांति भवन जोन को पूरी तरह से आवासीय क्षेत्र घोषित किया गया है, लेकिन यहां अवैध रूप से दुकान निर्माण प्रशासनिक उदासीनता को उजागर करता है। क्या इस अवैध निर्माण के पीछे बड़े प्रभावशाली नाम हैं? या प्रशासन इस मुद्दे पर जानबूझकर आंखें मूंदे हुए है?
क्या कहता है कानून?
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के निर्माण स्थानीय ज़ोनिंग नियमों का उल्लंघन करते हैं और कानून के तहत इसे तुरंत ध्वस्त किया जाना चाहिए। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह अन्य अवैध निर्माणों के लिए मिसाल बन सकता है।
आगे की राह
अब सभी की निगाहें प्रशासन पर टिकी हैं। क्या अधिकारी इस अवैध निर्माण के खिलाफ कदम उठाएंगे? या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा? स्थानीय निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो वे इस मुद्दे को बड़े स्तर पर ले जाने के लिए मजबूर होंगे।
यह मुद्दा न केवल कानून व्यवस्था का प्रश्न है, बल्कि क्षेत्र के निवासियों की सुरक्षा और जीवनशैली से भी जुड़ा है। आने वाले दिनों में इस मामले पर प्रशासन की कार्रवाई तय करेगी कि कानून का राज चलता है या नहीं।