“उल्हासनगर महानगरपालिका की नई वेबसाइट में भारी खामी! – नागरिकों को मिल रहा है ग़लत जानकारी का झटका”




उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर महानगरपालिका ने हाल ही में नागरिकों के लिए कुछ नई ऑनलाइन सेवाएं शुरू करने के उद्देश्य से अपनी वेबसाइट का शुभारंभ किया है। लेकिन यह पहल शुरू होते ही विवादों में घिर गई है।
पिछले 5 वर्षों से लगातार नागरिकों की सुविधा के लिए सूचना का अधिकार (RTI) सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराने की मांग की जा रही थी। इस मुद्दे पर कई बार माननीय मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भी भेजे गए थे। अंततः यह प्रयास रंग लाया और वेबसाइट पर RTI से संबंधित सेक्शन जोड़ा गया।
लेकिन अफसोस की बात यह है कि जो जानकारी उल्हासनगर महानगरपालिका से संबंधित होनी चाहिए, वह नागरिकों को भारत सरकार (Central Government) के विभागों की RTI वेबसाइट पर भेज रही है। इससे स्पष्ट है कि वेबसाइट का डिज़ाइन या लिंकिंग गलत तरीके से की गई है।
स्थिति ऐसी बन गई है कि जैसे:
“नागरिकों को बिजली का बिल भरना है, लेकिन बिल पानी विभाग का मिल रहा है!”
यह तकनीकी गड़बड़ी न सिर्फ भ्रम पैदा कर रही है बल्कि RTI जैसी गंभीर प्रक्रिया में भी बाधा डाल रही है।
नागरिकों की मांग है:
RTI पोर्टल सीधे उल्हासनगर महानगरपालिका से जुड़ा हो
तकनीकी खामियों को तुरंत ठीक किया जाए
जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए
उल्हासनगर के जागरूक नागरिकों की यह लड़ाई अब केवल वेबसाइट की नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग बन चुकी है।