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साहित्य अकादमी द्वारा गीता प्रदीप रुपाणी को ‘पेपर पढ़िया’ के लिए सिंधी युवा पुरस्कार प्रदान

उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा

साहित्य अकादमी, जो कि संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की स्वायत्तशासी संस्था है, ने 2024 के युवा पुरस्कारों की घोषणा की। इस वर्ष सिंधी भाषा के लिए उल्हासनगर की युवा लेखिका गीता प्रदीप रुपाणी को उनके निबंध-संग्रह “पेपर पढ़िया” के लिए सिंधी युवा पुरस्कार से नवाजा गया। यह पुरस्कार 12 जनवरी 2025 को उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया।

समारोह में गीता रुपाणी को उत्कीर्ण तांबे की पट्टिका वाली ट्रॉफी और 50,000 रुपये का चेक प्रदान किया गया।

गौरतलब है कि गीता प्रदीप रुपाणी सिंधी समालोचक, अनुवादक और लेखिका हैं। उल्हासनगर में रहने वाली गीता ने 2015 में लेखन कार्य प्रारंभ किया और अब तक तीन निबंध-संग्रह प्रकाशित कर चुकी हैं— हकीकी-तसवीरू, सफर सिंध जो-अखियूिं डिठों अहवाल, और पेपर पढ़िया। उन्हें महाराष्ट्र राज्य सिंधी साहित्य अकादमी द्वारा नवोदित पुरस्कार सहित कई पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं।

‘पेपर पढ़िया’ गीता द्वारा विभिन्न संगोष्ठियों में प्रस्तुत शोधलेखों का संग्रह है, जिसमें सिंधी भाषा और संस्कृति, अन्य भाषाओं में सिंधी साहित्य का अनुवाद, सिंधी संतों के साहित्य का महत्व, और समकालीन साहित्यकारों जैसे हरि पंकज, डॉ. दयाल ‘आशा’, राधाकिशन आहूजा, और सतौंदास पंजवाणी के योगदान पर विस्तृत चर्चा की गई है।

साहित्य अकादमी द्वारा गीता प्रदीप रुपाणी को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया है।

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